आर्थिक विषमता समाज के लिए शाप हैं। आर्थिक विषमता को कम करने के लिए संविधान में आरक्षण का प्रावधान रखा गया था, लेकिन आज यही आरक्षण समाज में आर्थिक विषमता का मुख्य कारक हैं। अब आरक्षण का आधार आर्थिक स्थिति होना चाहिए।
—हनी हितीक्षा, सीकर
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आर्थिक विषमता में कमी लाने के लिए व्यावसायिक शिक्षा पर जोर देना चाहिए ताकि व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सके और बेरोजगार न रहे।
—प्रियव्रत चारण, जोधपुर
………….. रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं
आर्थिक विषमता को कम करने के लिए सबसे पहले रोजगार के अवसर बढ़ाए जाने चाहिए। इसके लिए लघु और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए। आरक्षण का आधार जातीय न होकर आर्थिक स्थिति होनी चाहिए। इसके साथ जनकल्याणकारी और गरीबों के लिए बनी योजनाओं की क्रियान्विति में पारदर्शिता अति आवश्यक है। सही लाभार्थियों को लाभ मिले।
— निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़, अलवर
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जनसंख्या नियंत्रण, हर व्यक्ति को रोजगार, फिजूलखर्च पर नियंत्रण और घरेलू बचत को बढ़ावा देकर ही आर्थिक विषमता को कम किया जा सकता है। स्वास्थ्य एवं शिक्षा की दरों पर सरकारी अंकुश होना चाहिए। गरीबों को सस्ते मकान आवंटित किए जाएं। सरकारी योजनाओं का योजनाओं का सभी पात्रों को लाभ मिले।
—मोहन लाल सिन्धी, मावली जंक्शन
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शिक्षा की कमी के कारण भी आर्थिक विषमता बढ़ती है। अशिक्षित या कम पढ़े लिखों को रोजगार के उचित अवसर नहीं मिलते हैं। शिक्षित और संपन्न वर्ग के लोग अवसरों का फायदा ले कर, आर्थिक विषमताओं की खाई को चौड़ा कर रहे हैं। आर्थिक विषमता को दूर करने के लिए लोगों का शिक्षित होना जरूरी है।
—नरेश कानूनगो, देवास, म.प्र.
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बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हैं। इसलिए आर्थिक विषमता बढ़ती जा रही है। सरकार अगर असंगठित क्षेत्र की ओर ध्यान दे, इस क्षेत्र के लोगों को भी संगठित क्षेत्र की तरह ऋण आदि की सुविधा उपलब्ध कराए तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और धीरे-धीरे आर्थिक विषमता कम होती जाएगी। घरेलू व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकते हैंं।
लता अग्रवाल चित्तौड़गढ़
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घर के प्रत्येक बालिग सदस्य को रोजगार देकर आर्थिक विषमता में काफी कमी लाई जा सकती है।
ललित प्रसाद शर्मा, खण्डेला, सीकर
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रोजगारोन्मुखी शिक्षा को मिले बढ़ावा
आर्थिक विषमता को कम या समाप्त करने के लिए हमें शिक्षा में निवेश बढ़ाते हुए रोजगारोन्मुखी एवं दक्षतापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। मूलभूत वस्तुओं पर टैक्स छूट प्रदान कर गरीबों को शिक्षा, चिकित्सा सुविधाएं आदि जैसी मुफ्त सेवाएं प्रदान करनी चाहिए।
—तुलछाराम मेघवाल, बालोतरा
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रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने, गरीबों की मूलभूत वस्तुओं पर टैक्स कम करने तथा गरीबों को शिक्षा—चिकित्सा सुविधाएं मुफ्त प्रदान करने से आर्थिक विषमता कम हो सकती है।
शिवजी लाल मीना, जयपुर
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