विनय के वकील एपी सिंह की ओर से दावा किय गया है कि यह घटना बुधवार सुबह की है। विनय के वकील के अनुसार जेल में तैनात सुरक्षाकर्मियों के समय रहते कदम उठाने की वजह से विनय को बचा लिया गया।
वहीं, जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने वकील के दावे को खारिज करते हुए ऐसी किसी घटना से इनकार किया है।
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सूत्रों के अनुसार विनय शर्मा को जेल के मेडिकल इंस्पेक्शन रूम में रखा गया है। यहां वह 24 घंटे डाॅक्टराें की निगरानी में रहता है।
जेल सूत्रों की मानें तो गुरुवार को घटी इस घटना के बाद एहतियात के तौर पर विनय और उसके साथियों मुकेश, अक्षय और पवन को फांसी घर के पपास जेल नंबर 3 में शिफ्ट कर दिया गया है।
इस हाई सिक्योरिटी सेल में उन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। हालांकि उनको शिफ्ट करने का आदेश 9 जनवरी को ही दे दिया गया था, लेकिन अब तक अमल में नहीं लाया गया था।
सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि दोषी फांसी से बचने के लिए खुद पर कोई केस दर्ज कराना चाहता है।
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जानकारी के अनुसार घटना के समय विनय जेल नंबर चार के सिंगल कमरे था। इस कमरे के शौचालय की दीवार में लोहे की एक खूंटी लगी है।
बुधवार सुबह करीब 9 से 10 बजे के बीच विनय ने गमछे से फंदा बनाकर खूंटी के माध्यम से खुद को फांसी लगाने का प्रयास किया। हालांकि फंदा की ऊंचाई कम होने की वजह से वह लटक नहीं पाया।