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Good News: खुशियों का मानसून -प्रदेश के 25 जिलों में 5 .67 मीटर तक बढ़ा भूजल स्तर

33 में से 27 जिलों की पोस्ट मानसून एसेसमेंट रिपोर्ट-2024 में सामने आई तस्वीर
भूजल स्तर में सर्वाधिक औसत 14 मीटर का सुधार चित्तौडगढ़ में आया
जयपुर जिले का भूजल स्तर भी बढा 4 .70 मीटर तक

Dec 23, 2024 / 09:59 am

anand yadav

jaipur

जलभवन

जयपुर। प्रदेश में इस बार ढाई महीने झमाझम मानसून का दौर रहा और औसत से कई गुना तक बारिश हुई। जिसका असर अब प्रदेश के भूजल स्तर हुए इजाफे में दिख रहा है। भूजल विभाग की पोस्ट मानसून ग्राउंड वाटर एसेसमेंट रिपोर्ट-2024 रिपोर्ट में 33 में से 27 जिलों के भूजल स्तर की रिपोर्ट तैयार हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार 27 में से 25 जिलों में औसत भूजल स्तर 5. 67 मीटर तक बढ़ गया है। भूजल स्तर में सर्वाधिक 14 मीटर की बढ़ोतरी चित्तौडगढ में दर्ज की गई। वहीं नागौर व चूरू के भूजल स्तर में आधा मीटर तक गिरावट दर्ज की गई है।
छोटे जिलों में सुधरा भूजल स्तर

रिपोर्ट को देखें तो प्रदेश के छोटे जिलों के भूजल स्तर में ठीकठाक सुधार हुआ है। चित्तौडगढ के भूजल स्तर में 14 मीटर का इजाफा हुआ है। सवाई माधोपुर,बूंदी और भीलवाड़ा जिलों में भी भूजल स्तर में सुधार आया है। जबकि जयपुर,बीकानेर,उदयपुर,भरतपुर जैसे बडे जिलों के भूजल स्तर में ज्यादा सुधार नहीं दिखा है।
जयपुर में सभी 15 ब्लॉक्स में बढ़ा भूजल स्तर

जयपुर जिले को भूजल स्तर के हिसाब से 15 ब्लॉक्स में बांटा गया है। इस बार मानसून की झमाझम के बाद इन सभी ब्लॉक्स में भूजल स्तर में सुधार हुआ है। पोस्ट मानसून रिपोर्ट के अनुसार जयपुर जिले के भूजल स्तर में 4 .70 मीटर तक इजाफा हुआ हे।
मई के बाद पता चलेगा डार्क जोन से बाहर आने की स्थिति का

भूजल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी 33 में से 27 जिलों की पोस्ट मानसून एसेसमेंट रिपोर्ट-2024 के प्रारंभिक परिणामों के अनुसार पूरे प्रदेश के भूजल में इजाफा हुआ है। शेष 6 जिलों की रिपोर्ट अगले सप्ताह तैयार होगी। भूजल स्तर सुधरने पर कितने ब्लॉक डार्क जोन से बाहर आ पाएंगे या नहीं यह स्थिति मई के बाद साफ होगी।
भूजल स्तर सुधार वाले टाॅप 4 जिले

  • चित्तौडगढ़-14
  • सवाई माधोपुर-13 .32
  • बूंदी-11 .50
  • भीलवाड़ा-10. 89
    भूजल स्तर में बढोतरी मीटर में है
  • इस साल बारिश औसत से अधिक हुई है और इसी का परिणाम है कि प्रदेश के भूजल स्तर में भी बढोतरी हुई है। भविष्य में हम कृत्रिम पुर्नभरण पर हम फोकस रखें तो प्रदेश के भूजल स्तर की तस्वीर और भी सुधर सकती है। यह भी ध्यान रखना है कि हमे इस रिपोर्ट से ही संतुष्ठ न होकर भूजल पुर्नभरण में प्रयास जारी रखने होंगे।
    एमके पंडित, भूजल विशेषज्ञ व भू-वैज्ञानिक

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