126 करोड़ के घोटालेबाज अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू, दिल्ली से लखनऊ तक मचा हड़कंप बता दें कि यह पूरा मामला अमरोहा के जिला मुख्यालय का है। जहां योगी सरकार के प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश राजभर व कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान पहुंचे थे। वे यहां जिला योजना समिति के साथ बैठक कर रहे थे। इसी दौरान मुख्यालय पर पतेई खालसा की महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंच गई और मंत्रियों से मिलने की जिद पर अड़ गईं। जब उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने बैठक के बाद मिलने का आश्वासन दिया तो वे भड़क गईं और कलेक्ट्रेट के बाहर ही धरना-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। करीब तीन घंटे तक अंदर मंत्रियों की बैठक चलती रही और बाहर महिलाएं हंगामा करती रहीं। बैठक के बाद महिलाएं सभाकक्ष में दाखिल हुईं। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि गांव में तीन-तीन राशन की दुकान होने के बावजूद उन्हें न तो खाद्यान्न मिल रहा और न मिट्टी का तेल। राशन डीलर खाद्यान्न और मिट्टी के तेल की खुलेआम कालाबाजारी कर रहे हैं।
मुजफ्फरनगर दंगा मामला: मुश्किल में बीजेपी नेता, कोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट इसी बीच मौके पर मौजूद भाजपा नेता मदन वर्मा ने उलटा राशन डीलरों की तरफदारी लेनी शुरू कर दी। इस पर महिलाओं ने मदन वर्मा पर पात्र गृहस्थी की सूची में नाम शामिल कराने के लिए 5-5 सौ रुपये लेने का आरोप लगाया। इसी दौरान भाजपा नेता की किसी बात पर महिलाएं भड़क गईं और उन्हें मंत्रियों के सामने ही सभाकक्ष से खींच लाईं और कलेक्ट्रेट परिसर में ही उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। इससे उनके कपड़े भी फट गए। वहीं मदन वर्मा ने इसे सियासी विरोधियों की चाल बताया है। जब इस संबंध में भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. ऋषिपाल नागर ने मदन वर्मा के साथ हुई मारपीट से पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा कि मदन वर्मा के पास संगठन का कोई पद नहीं है। वह सिर्फ कार्यकर्ता हैं। उन पर लगे आरोपों की जांच कराई जाएगी।