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नोएडा

चाय बेचने वाली की बेटी को अमेरिका से मिला 3.8 करोड़ की स्कॉलरशिप

अमेरिकी के बॉबसन कॉलेज में चार की पढ़ाई के लिए 3.8 करोड़ की स्कॉलरशिप

नोएडाJun 18, 2018 / 02:34 pm

Ashutosh Pathak

noida

चाय बेचने वाली की बेटी को अमेरिका से मिला 3.8 करोड़ की स्कॉलरशिप

नोएडा। सरकार जहां बेटी बचाओं-बेटी पढ़ओ का नारा दे रही है वहीं सूबे की एक बेटी ने ये साबित कर दिया है कि जहां चाह है वहां राह है। नोएडा में चाय की दुकान चलाने वाले एक शख्स की बेटी को अमेरिका के एक प्रतिष्ठित कॉलेज से पढ़ाई करने के लिए 3.8 करोड़ की स्कॉलरशिप मिली है। सुदीक्षा भाटी ने हाल ही में आए सीबीएसई 12वीं में भी 98 फीसदी मार्क्स लाकर बुलंदशहर जिले में टॉप किया था।
सपना हुआ पूरा

नोएडा के दादरी इलाके की रहने वाली सुदीक्षा भाटी और उनके परिवार के लिए ये किसी सपने से कम नहीं है। लेकिन ये हकिकत है कि अमेरिकी के मैसाचुसेट्स में स्थित प्रतिष्ठित बॉबसन कॉलेज ने सुदीक्षा भाटी को चार साल की पढ़ाई के लिए 3.8 करोड़ की फुल स्कॉलरशिप दी है और जल्द ही वो अपने सपनों को पूरा करने सात संदर पार अमेरिकी जाएंगी। बेहद गरीब पारिवार आने वाली सुदीक्षा के लिए यहां पहुंचना आसान नहीं था। परिवार का पालन करने के लिए पिता किसी तरह चाय बेच कर घर का गुजारा चलाते थे। लेकिन बेटी की पढ़ाई के प्रति रूची को देखकर समाज और परिवार की परवाह किए बगैर उन्होंने सुदीक्षा को आगे लगातार पढ़ाने की ठान ली और इसी बीच विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी के बारे में जानकारी हुई जो गरीब परिवार के बच्चों को स्कूली शिक्षा पूरी करने और उन्हें अपनी योग्याता दिखाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाती है।
आसान नहीं था यहां तक पहुंचना

सुदीक्षा ने बताया कि 2011 में मुझे विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी स्कूल में दाखिला मिल गया और इसके बाद मेरे लिए पढ़ाई जारी रखना आसान हो गया। इस स्कूल में बड़ी संख्या में गरीब समुदाय से आने वाले बच्चे पढ़ते हैं और मुझे भी वहां ये मौका मिला। इसके साथ ही सुदीक्षा बताती हैं की शुरुआत में परिवार और रिश्तेदारों को आपत्ति थी, लेकिन माता-पिता ने पढ़ाई जारी रखने के लिए हर कदम पर प्रोत्साहित किया। जिसका नतीजा आद सबके सामने हैं।
मां-पिता को मिला गर्व करने का मौका

अमेरिका में जाकर पढ़ाई किए जाने पर सुदीक्षा का कहना है कि स्कॉलरशिप के बारे में जानकर उनकी मां बहुत खुश हैं हालाकि इतनी दूर दूसरे देश जाकर पढ़ाई करने को लेकर पापा को थोड़ी शंका जरूर थी। लेकिन अपने सपनों को पूरा करने और इतने दिनों की मेहनत को देखते हुए सुदीक्षा के पाप भी बेटी की इस उपलब्धि से खुश हैं। सुदीक्षा बतातीं है कि पढ़ाई के दौरान भी वह गर्मियों की छुट्टियों में अक्सर तरह तरह के कार्यक्रम में हिस्सा लिया करती थीं और कई बार दूसरे देश में जा चुकीं हैं।
आपको बता दें कि विद्याज्ञान लीडरशिप अकैडमी की स्थापना 2009 में शिव नाडार फाउंडेशन की तरफ से की गई थी। जहां गरीब और वंचित परिवारों के बच्चे अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर सकते हैं। इस वक्त बुलंदशहर और आस-पास के 1900 से ज्यादा गरीब परिवार के बच्चे इस प्रोग्राम के तहत अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर पा रहे हैं।

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