बता दें कि सुपरटेक एमराल्ड के ट्विन टावर को काले और सफेद जिओ फाइबर टेक्सटाइल से ढका गया है, ताकि ध्वस्तीकरण के दौरान मलबा बाहर न आ सके। इनके साथ ही एटीएस के सात टावरों को भी जिओ फाइबर टेक्सटाइल से ढक दिया गया है। सारी तैयारियां पूरी होने के बावजूद ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने का काम तय समय पर शुरू नहीं हो सका है। ध्वस्तीकरण के लिए करीब 3700 किलो विस्फोटक को पलवल से लाया जाना है। इतनी बड़ी मात्रा में पलवल से विस्फोटक लाने और ट्विन टावर में प्रयोग के लिए पुलिस की एनओसी जरूरी होती है, लेकिन वह अब तक नहीं मिल पाई है। इसके साथ ही ही अभी तक आगरा से गाइडलाइंस भी नहीं मिली हैं।
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सतर्कता के चलते लव जिहाद का शिकार होने से बची हिंदू लड़की, पिंटू पंडित बन फंसाया था चांद ने पुलिस की निगरानी में पहुंचेगा विस्फोटक नोएडा पुलिस को डायरेक्टर ऑफ एक्सप्लोसिव कंट्रोलर आगरा से गाइडलाइंस भी चाहिए। जब तक इसकी गाइडलाइंस नहीं मिलती, तब तक नोएडा पुलिस एनओसी नहीं दे पाएगी। सुपरटेक प्रबंधन का कहना है कि आगरा कार्यालय से लगातार बातचीत चल रही है। करीब 3700 किलोग्राम विस्फोटक को पलवल से दो वैन में लाया जाएगा। एक में जिलेटिन की छड़ तो दूसरे में डिटोनेटर होंगे। इसको पुलिस की गाड़ी की निगरानी में लाया जाएगा।
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अपराधियों का चेहरा देखते ही बजे उठेंगे अलार्म, पुलिस से बच पाना होगा नामुमकिन, जानें क्या है ये नई तकनीक तय समय पर टावर गिराने का दावा बिल्डर प्रबंधन का कहना है कि 32-32 मंजिल के दो टावरों में विस्फोटक लगाने हैं। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को दिए स्टेटस रिपोर्ट में दो अगस्त से विस्फोटक लगाने की बात कही गई है। जबकि 21 अगस्त को विस्फोट कराना है। वहीं इससे पहले भी कई प्रकार की व्यवस्था करनी है। ऐसे में जितनी देरी होगी। उतना नुकसान होगा। उधर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि विस्फोटक लाने के लिए एनओसी की व्यवस्था कराई जा रही है। उन्होंने दावा किया कि ट्विन टावर गिराने का पूरा काम समयबद्ध तरीके से किया जाएगा।