किससे की बातचीत? दरअसल, मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सुनील राठी द्वारा जांच प्रभावित न हो इसके लिए शासनादेश के बाद उसकी जेल बदलने का फैसला किया गया। जिसके बाद शुक्रवार रात कड़ी सुरक्षा के बीच उसे फतेहगढ़ सेंट्रल जेल ले जाया गया। उसकी सुरक्षा में दो इंस्पेक्टर, दो दरोगा, चार हेड कॉंस्टेबल और 11 कांस्टेबल तैनात थे। उसे फतेहगढ़ ले जाते समय पुलिस मेरठ कैंट से गुजरी। बताया जा रहा है कि जिस वाहन में सुनील राठी था वह यहां करीब तीन मिनट तक रुकी और उसने किसी व्यक्ति से बातचीत। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि आखिर वह व्यक्ति कौन था जिससे राठी ने बात की।
क्या कहते हैं अधिकारी एसएसपी राजेश कुमार पांडेय का इस मामले में कहना है कि उन्हें इसकी कोर्इ जानकारी नहीं है। एसपी बागपत द्वारा उनसे वज्र वाहन मांगा गया था। जिसके बाद वज्र वाहन के साथ कुछ जवान भेजे गए थे, जो फतेहगढ़ जेल तक राठी को लेकर गए। वहीं आर्इजी रामकुमार का कहना है कि बागपत से मेरठ आने में करीब दो-तीन घंटे लगते हैं। इस दौरान हो सकता है पुलिसकर्मियों को कोर्इ सामान खरीदना पड़ा हो। लेकिन पुलिस किसी की मुलाकात सुनील राठी से नहीं करा सकती।
फतेहगढ़ जेल में राठी का धुर विरोधी बंद वेस्ट यूपी के 1 लाख इनामी और राठी का धुर विरोधी अजीत उर्फ हप्पू इसी जेल में बंद है। जेल प्रशासन इसके चलते सतर्क है कि यहां भी बागपत जेल की तरह मर्डर सरीखी कहानी न दोहराई जाए। बता दें कि हप्पू का भी वेस्ट यूपी में क्राइम की दुनिया में बड़ा नाम है। बताया जाता है कि सुनील राठी और हप्पू का 36 का आंकड़ा है। चर्चा है कि सुनील राठी ने ही अपने संपर्क के बल पर हप्पू की जेल बदलवाई थी।