scriptतस्वीरें बोलती हैं… लाॅकडाउन के दौरान यूपी के सबसे हाईटेक शहर में खुली सरकारी दावों की पोल | students sent home by buses but ignored migrant laborers in noida | Patrika News
नोएडा

तस्वीरें बोलती हैं… लाॅकडाउन के दौरान यूपी के सबसे हाईटेक शहर में खुली सरकारी दावों की पोल

Highlights
– लॉकडाउन के दौरान नोएडा में फंसे छात्रों के लिए शासन नेे किया बसों का इंतजाम
– सड़कों पर चल रही सैकड़ों प्रवासी मजदूरों की भीड़ से अनजान अधिकारी

नोएडाMay 04, 2020 / 03:46 pm

lokesh verma

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नोएडा. उत्तर प्रदेश की सबसे हाईटेक शहर नोएडा लोगों को बेहतर भविष्य के सपने दिखाता है। इस वजह से लोग यहां खिंचे चले आते हैं। यहां के एजुकेशनल हब में बड़े रसूख वालों के बच्चे मोटी रकम देकर अपना भविष्य बनाने आते हैं। वही अन्य प्रदेशों से बड़ी संख्या में मजदूर यहां बन रही गगनचुंबी इमारतों में मजदूरी करके रोजी-रोटी कमाने आते हैं, लेकिन जब आपदा आती है तो प्रशासन की प्राथमिकताओं में मजदूर हाशिए पर चले जाते हैं। ऐसी ही दो तस्वीरें नोएडा में देखने को मिली है, जो इस हकीकत को बयां कर रही हैं।
पहली तस्वीर- एक्सपो मार्ट

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दरअसल, पहली तस्वीर जिले के लैंडमार्क कहे जाने वाले एक्सपो मार्ट की है, जहां पर बसों का जमावड़ा लगा है। ये बसें लॉकडाउन के दौरान नोएडा में फंसे उन छात्रों को उनके घर छोड़ने के लिए शासन की तरफ से मंगाई गई हैं। इनको सैनिटाइज किया जा रहा है। छात्रों की जांच की जा रही है और उनको सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए बसों में बैठाकर उनके होमटाउन के लिए रवाना किया जा रहा है। शासन का यह प्रयास सचमुच सराहनीय लगता है।
दूसरी तस्वीर- नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे

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वहीं, अब एक और तस्वीर से रूबरू होइये। यह तस्वीर सेक्टर-147 के पास नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे की जहां सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष अपना सामान उठाकर सड़कों पर पैदल ही अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं। इनके साथ छोटे-छोटे इनके बच्चे भी हैं। इनके दृढ़ निश्चय को आंधी और तूफान भी नहीं डिगा पाया है और इनकी मंजिल है मध्यप्रदेश, जहां के ये रहने वाले हैं। लॉकडाउन के दौरान कई ऐसी तस्वीरें और खबरें आई और भविष्य में आती रहेंगी, लेकिन सड़कों पर चल रही सैकड़ों लोगों की भीड़ प्रशासन के अधिकारियों को यह दिखाई नहीं देती, क्योंकि यह रसूख वाले नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत में 90 फीसदी कामगार असंगठित क्षेत्र से हैं। इनकी संख्या करीब 42 करोड़ है। इनमें से लाखों मजदूर ऐसे हैं, जो हर दिन न कमाएं तो उनके भूखे मरने की नौबत आ सकती है। ये मजदूर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, नोएडा, गुड़गांव जैसे बड़े शहरों में अपने घर से दूर काम करने आते हैं। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के चलते भारत में 40 करोड़ लोग गरीबी के शिकार हो सकते हैं।

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