कैराना-नूरपुर उपचुनाव के बाद भाजपा को लगा एक और झटका, इस सीट पर सपा प्रत्याशी ने दी करारी मात
कुछ लोग विपक्षी एकता पर इसे भाजपा का प्रहार मान रहे हैं तो कुछ लोग इसे अखिलेश यादव द्वारा की गई शिवपाल की उपेक्षा का परिणाम। विभिन्न पार्टियों के नेताओं का मानना है कि शिवपाल यादव की नई पार्टी से विपक्षी एकता कमजोर होगी। जिसका फायदा भाजपा को मिलना तय है। हालांकि नोएडा में भी समाजवादी पार्टी के दो गुट हैं। एक गुट पुराने समाजवादी नेता व एमएलसी नरेंद्र भाटी का माना जाता है, जो मुलायम सिंह यादव के खास हैं।
शिवपाल यादव नई पार्टी बनाकर कर रहे इस रणनीति पर काम, अखिलेश की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
नरेंद्र भाटी लगातार दो बार से गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से सपा के प्रत्याशी रहे हैं। इस समय वह सपा के एमएलसी हैं। दूसरा गुट राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर का है जो इस समय अखिलेश यादव के खास हैं। सुरेंद्र नागर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बसपा से सपा में आए थे। वे 2009 में बसपा से सांसद रह चुके हैं। शिवपाल यादव द्वारा नई पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने पर वरिष्ठ सपा नेता व एमएलसी राकेश यादव कहते हैं कि समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश हैं। पूरी पार्टी उनके साथ खड़ी है। शिवपाल की पार्टी से सपा को कोई नुकसान नहीं होने वाला है।