शनि जयंती 2018: सैकड़ों साल बाद 15 मई को बन रहा ये दुर्लभ संयोग 1. पंडित चंद्रशेखर कहते हैं कि धर्मग्रंथों में ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव अपने पित
सूर्य से बैर रखते हैं। इसलिए शनि जयंती के दिन भूलकर भी सूर्य की उपासना नहीं करनी चाहिए। एेसा करने वाले को शनि बर्बाद कर सकते हैं।
2. किसी भी शनिवार या शनि जयंती के दिन लोहे की चीजें खरीदने से बचना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। 3. शनि जयंती के दिन शनि
मंदिर में शनिदेव और पीपल के पेड़ के नीचे तेल के दीए जलाएं। गलती से भी घी के दिए न जलाएं।
4. शनि जयंती के दिन शनिदेव की तस्वीर अथवा प्रतिमा का दर्शन करते समय उनकी आखों में आंख डालकर कभी नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव रुष्ट होते हैं। शनिदेव के दर्शन हमेशा उनके चरणों में दृष्टि डालकर करने चाहिए।
5. शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा अवधि के दौरान पूर्णतः ब्रह्मचर्य का पालन करें। 6. शनि जयंती के दिन अगर आप किसी लम्बी दूरी की यात्रा पर जा रहे हैं तो इसे टाल दें। इस दिन यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता है।
7. शनि जयंती के दिन शनिदेव की पूजा के बाद काली गाय और काले कुत्तों को तेल से बनी चीजें जरूर खिलाएं। 8. शनि जयंती के दिन सूर्योदय से पहले (ब्रह्म-मुहूर्त) में तेल का मालिश कर स्नान करना चाहिए। इसके बाद कभी भी शरीर पर तेल न लगाएं।
9. शनि जयंती के दिन
हनुमान जी के दर्शन और उनको बेसन के लड्डू का भोग लगाने से शनिदेव प्रसन्न रहते हैं। 10. शनि जयंती के दिन जरुरतमंदों को दान करने के साथ ही उनकी सेवा करनी चाहिए। इस दिन गरीबों को दान और उनकी सेवा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।