बता दें कि आम आदमी को तिरंगा फहराने की इजाजत सात साल की लंबी लड़ाई के बाद मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने 23 जनवरी 2004 को फैसला दिया था कि राष्ट्रध्वज फहराना हर व्यक्ति का अधिकार है। इस फैसले के बाद तिरंगा हर हाथ में दिखाई देने लगा। इसके बाद हर आंदोलन में तिरंगा दिखाई देने लगा। जहां एक तरफ कुछ राजनीतिक दल लोगों की देशभक्ति पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहे हैं, ऐसे में तिरंगा राष्ट्रीय भावना प्रदर्शित करने का सशक्त माध्यम बना है। यही कारण है कि इस साल झंडे और तिरंगे रंग की बनी सामग्रियों की बिक्री में 30 से 40 फीसदी का उछाल देखा गया है। दुकानदार मोहित व शुभम ने बताया कि लोग राष्ट्रध्वज और तिरंगे के रंगों वाली अन्य सामग्रियों को खरीदने के लिए आ रहे हैं। उनके पास 5 रुपए से लेकर 400 रुपए तक के झंडे उपलब्ध हैं। झंडा बेचने वालो में कुछ नौकरी से छुट्टी कर पार्टटाइम के रूप में दुकान लगाए हुए हैं तो कुछ इस कारोबार में बढ़ता मुनाफा देख दूसरे कारोबार को छोड़कर इससे जुड़ गए हैं।
नोएडा के सेक्टर-9 में राष्ट्रध्वज और तिरंगे के रंगों वाली अन्य सामग्रियों को खरीदने पहुंचे हरनाम कहते हैं कि तिरंगा राष्ट्र भावना प्रदर्शित करने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने बताया कि बाजार से लेकर घरों तक में तिरंगा फहराया जाता है। नोएडा में तेजी से विकसित हो रही सोसायटियों में भी लोग इक्कठा होकर गणतन्त्र दिवस मनाते है। वह खुद 50 झंडे खरीद कर ले जा रहे हैं।