बता दें कि यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गौतम बुद्ध नगर कार्यक्रम तहत दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण की घोषणा विधायक तेजपाल नागर ने की। इस घोषणा के बाद राजपूत समाज भड़का हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री तुष्टीकरण और गुर्जर वोट के लिए क्षत्रियों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं। राजपूतों के पूर्वज राजा मिहिर भोज को गुर्जर समुदाय का बताकर उनकी ऐतिहासिक पहचान को खत्म करने पर आमादा हैं।
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यूपी में डाक्टरों की रिटायरमेंट ऐज बढ़ेगी प्रस्ताव तैयार, कैबिनेट से हरी झंडी का इंतजार राजपूत समाज ने दी चुनाव में भाजपा के बहिष्कार की चेतावनी राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष करण ठाकुर ने कहा है कि जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह को इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम से एक ज्ञापन सौंपा गया है और राजा मिहिर भोज के क्षत्रिय राजा होने के सबूत दिए गए हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि राजा मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर लिखा जाना आपत्तिजनक है। अगर उत्तर प्रदेश सरकार उनकी प्रतिमा का अनावरण करना चाहती है तो गुर्जर के बजाय हिंदू हृदय सम्राट लिख सकती है। लेकिन, गुर्जर लिखना उनकी पहचान के साथ छेड़छाड़ करना है। यदि कार्यक्रम में बिना बदलाव के मुख्यमंत्री इस प्रतिमा का अनावरण करेंगे तो राजपूत समाज विशाल आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। इसकी जिम्मेदारी भाजपा की होगी और आगामी विधानसभा चुनाव में राजपूत समाज भाजपा का बहिष्कार करेगा।
प्रचार सामग्री से गुर्जर शब्द हटाया तो फाड़ डाले बैनर-पोस्टर इसी बीच राजपूत समुदाय के दबाव के चलते प्रदेश सरकार ने प्रतिमा के अनावरण के लिए तैयार प्रचार सामग्री से गुर्जर शब्द को हटा दिया है। इस पर गुर्जर समुदाय के लोग नाराज हो गए हैं और प्रतिमा के अनावरण के प्रचार के लिए लगाए गए पोस्टर और बैनर को फाड़कर गुस्से का इजहार किया है। उनका कहना है कि सत्ता पक्ष की गलत नीतियों के कारण हमारे समाज के वंशज राजा मिहिर भोज के नाम के आगे से गुर्जर शब्द हटा दिया गया है, जो कुछ लोगों की तुच्छ मानसिकता के चलते ऐसा किया गया है। गुर्जर समुदाय इसे बर्दाश्त नहीं करेगा जो गुर्जर शब्द हटाया गया है, हम उसका विरोध पोस्टर और बैनर फाड़कर कर रहे हैं । इसके लिए यदि उन्हें जेल में भी जाना पड़ा तो तैयार हैं। लेकिन, समाज का अपमान नहीं होने देंगे।