ज्ञात हो कि सुपरटेक ट्विन टावर को 21 अगस्त दोपहर 2.30 बजे महज 10 सेकंड में जमींदोज कर दिया जाएगा। ट्विन टावर गिरने के साथ ही काफी दूर तक धूल भी उड़ेगी, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचने की आशंका है। इसे देखते हुए एडिफिस कंपनी और नोएडा अथॉरिटी योजनाबद्ध कार्य कर रही है। टावर ध्वस्तीकरण के दौरान उड़ने वाली धूल से पर्यावरण को बचाने के लिए आसपास के सभी पेड़-पौधों को प्लास्टिक शीट्स से ढक दिया जाएगा।
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तेजी के साथ बढ़ रहा है गंगा-यमुना का जलस्तर, बाढ़ का खतरा ट्विन टावर की ओर जाने वाले मार्ग रहेंगे बंद योजना के मुताबिक, फायर ब्रिगेड की टीम ध्वस्तीकरण के तुरंत बाद धूल पर पानी की बौछार करेगी। इसके साथ ही ट्विन टावर के नजदीक इमारतों को नुकसान से बचाने के लिए भी हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। गाजियाबाद की एनडीआरएफ टीम किसी भी हालात से निपटने के लिए मौके पर तैनात रहेगी। इसके साथ ही पुलिस के जवान भी मौके पर मौजूद रहेंगे। कुछ घंटे के लिए ट्विन टावर की ओर जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा।
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बॉडी के खराब अंग भी आएंगे अब काम, डेड पार्ट्स का बनेगा अनोखा म्यूजियम कंपन से फ्लैटों में होने वाले नुकसान का आकलन करेगी आईआईटी की टीम नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना है कि ट्विन टावर से सटी सोसायटियों को मुआवजे की कैटेगरी में रखा है। बीमा कंपनी के मानकों के अनुरूप कैटेगरी तय की गई है। बीमा कंपनी आईआईटी चेन्नई की टीम के साथ ध्वस्तीकरण वाले दिन मौके पर ही मौजूद रहेगी। आईआईटी की टीम कंपन मापेगी, जिसके आधार पर यह तय होगा कि किसी भी फ्लैट में नुकसान कंपन के कारण हुआ है या अन्य वजह से। सूत्रों का कहना है कि 102 करोड़ रुपये का बीमा टाटा एआईजी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने किया है।