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यूपी स्पेशल टास्क फोर्स की नोएडा यूनिट के एसपी राजीव नारायण मिश्र और सीओ राजकुमार मिश्र ने बताया कि आरोपी दिल्ली और नोएडा के कोचिंग सेंटर्स से नीट पास करने वाले युवाओं को राजकीय मेडिकल कॉलेज झांसी में दाखिला दिलाने की एवज में 15 से 30 लाख रुपये लेते थे। तय की गई यह रकम आरोपी चरणबद्ध तरीके से किश्तों में लेते थे और फिर गायब हो जाते थे। पुलिस को लंबे समय से युवाओं और उनके अभिभावकों को से लगातार ठगी की शिकायत मिल रही थी। इनपुट और सर्विलांस के आधार पर आखिरकार पुलिस को आरोपियों का सुराग मिल गया। इसके बाद पुलिस ने मामले की पड़ताल करते हुए गाजियाबाद के लिंक रोड स्थित पैसेफिक पार्क के कार्यालय में छापा मारते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों के नाम हमीरपुर निवासी आशीष कुमार और महोबा निवासी सुधीर सिंह हैं।
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कॉलेज और अधिकारियों की भूमिका की भी जांच
एसटीएफ की मानेें तो गिरोह के लोग बाकायदा छात्रों से फॉर्म भरवाने के साथ ही पूरी प्रक्रिया करते थे, लेकिन ये सब कुछ फर्जी और सिर्फ दिखावे के लिए होता था। पुलिस ने छापे के दौरान आरोपियों के पास से फर्जीवाड़े से संबंधित अहम दस्तावेज भी बरामद किए हैं। एसटीएफ की पूछताछ में तीन नाम और सामने आए हैं। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही अन्य आरोपी भी गिरफ्त में होंंगे। एसटीएफ ने आरोपियों की ठगी का शिकार हुए पीड़ितों का वॉटसऐप ग्रुप बनाकर केस में पुख्ता सबूत जुटाने का दावा किया है। वहीं इस गौरखधंधे में किसी अन्य कॉलेज या अधिकारी की भूमिका तो नहीं है, पुलिस इसकी भी पड़ताल कर रही है।
एसटीएफ ने पकड़े गए अभियुक्तों के ठिकाने से 23 मोबाइल फोन, 3 लैंडलाइन फोन, 3 डायरी, 270 गाइडेंस प्वाइंट कम्पनी के इन्फॉर्मेशन फॉर्म, 1280 नीट के माध्यम से सम्मिलित मेडिकल परीक्षा के अभ्यर्थियों की सूची, 1 आगन्तुक रजिस्टर, 3 मोहरे, 2 फर्जी आधार कार्ड, एमसीआई के नाम से 2 फॉर्म, गवर्नमेंट नॉमिनी कोटे के फॉर्म, ओएमआर शीट, 4 बैंक ड्राफ्ट, 30 हजार की नकदी, 5 आइडिया सिम पैक और हाथ से लिखी एक प्रश्नोत्तरी बरामद की है। पुलिस के मुताबिक इस गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस गिरोह ने अब तक करोड़ों की ठगी की है।