डीसीपी (महिला सुरक्षा) वृन्दा शुक्ला ने बताया कि आरोपी युवक और युवती के बीच लगभग छह वर्ष पहले दोस्ती हुई थी। बाद में दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए। युवक ने उस दौरान अंतरंग संबंधों की फोटो वीडियो बना ली थी। वह अब उसे विभिन्न सोशल साइट्स पर वायरल कर रहा था। इतना ही नहीं, वह वीडियो को पोर्न साइट्स पर बेच भी रहा था। पुलिस को कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिससे यह बात सामने आई है कि उसे पेमेंट वॉलेट पेटीएम के जरिये भुगतान किया गया है।
युवती ने थाने में दी थी शिकायत डीसीपी ने बताया कि 3 मई को पीड़िता ने थाना फेज-तीन में शिकायत दर्ज कराई थी। यह रिवेन्ज पोर्न का मामला था, जिसमें पीड़िता की अश्लील तस्वीर एवं वीडियो तेजी से ट्वीटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं विभिन्न पोर्न साइट्स पर प्रतिदिन अपलोड की जा रही थी। पीड़िता को इस बारे में अभी हाल ही में पता चला। उसके जानने वालों ने उसे जानकारी दी। तब उसने खुद वीडियो देखी। उसके बाद उसने पुलिस से संपर्क किया। पीड़िता को आरोपी के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी। लेकिन, उससे जो भी जानकारी मिली, उसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में पता चला कि अभियुक्त की लोकेशन पश्चिम बंगाल के बरूईपुर जिले में है। उसके बाद यहां से पुलिस टीम बरूईपुर भेजी गई।
ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया नोएडा अधिकारी ने बताया कि नोएडा पुलिस ने वहां की स्थानीय पुलिस से संपर्क किया। आरोपी की पहचान के लिए पहले उसके घर की रेकी की गई। उसके बाद साक्ष्य के साथ उसे गिरफ्तार किया गया। स्थानीय कोर्ट के आदेश पर पहले उसका कोविड-19 टेस्ट कराया गया। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर नोएडा लाया गया है।
सोशल मीडिया से हटाई जा रही फोटो व वीडियो उन्होंने बताया कि अभियुक्त अलग-अलग प्लेटफार्म पर पीड़िता की तस्वीरे और वीडियो पेटीएम के माध्यम से बेच रहा था। जांच में पता चला कि अभियुक्त के युवती के साथ 4-6 साल पहले सम्बन्ध थे।अभियुक्त रिलायन्स इंश्योरेंस कम्पनी में काम करता है। ट्वीटर ने नोएडा पुलिस की बहुत सहायता की। उसने पीड़िता की फोटो और वीडियो से संबंधित सभी लिंक को हटा दिया है। बाकी प्लेटफॉर्म से भी सम्पर्क किया जा रहा है।