ईवीएम में छेड़छाड़ की शिकायत पर चुनाव आयोग हुआ गंभीर, पारदर्शी चुनाव के लिए उठाया अब ये कदम
आपको बता दें कि लोकेंद्र चौहान इस सीट से लगातार दो बार 2012 और 2017 में विधायक चुने गए थे। उन्होंने 2012 में लगभग साढ़े पांच हजार और 2017 में 12736 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इस सीट पर अगर सपा से दावेदारों की बात करें तो सबसे ज्यादा लोग समाजवादी पार्टी में ही हाईकमान से टिकट मांग रहे हैं। 2017 में इस सीट से सपा प्रत्य़ाशी रहे नईमूल हसन, सपा जिला अध्यक्ष अनिल यादव के अलावा मदन सैनी इस सीट पर टिकट की मांग कर रहे हैं।बड़ी खबर: सीएम योगी को सपा नेताओं ने काफिला रोककर इस जिले में दिखाए काले झंडे, मचा हड़कंप
जबकि गठबंधन की आशंका के चलते अभी बसपा के लोग इस सीट पर पार्टी सुप्रीमो के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि बसपा में उपचुनाव लड़ने की परंपरा नहीं है। इधर सपा भी प्रत्याशी की घोषणा से पहले बसपा के समर्थन का इंतजार कर रही है। टिकट के फैसले को लेकर बीएसपी के सभी नेता हाईकमान के आदेश आने के बाद ही अपनी सक्रियता दिखाने के मूढ़ में हैं। इस सीट पर किस प्रत्यशी को लड़ाना है। अभी उसका इंतज़ार कर रहे हैं। अगर इस सीट पर बसपा अपना सहयोग सपा को देती है तो भाजपा के लिए यहां लड़ाई आसान नहीं होगी। हालांकि लोकेंद्र चौहान की पत्नी को सहानुभूति का लाभ मिल सकता है।03 मई से 10 मई तक होगें नामंकन
11 को होगी नामांकन पत्रों की जांच
14 मई को होगी नाम वापसी
28 मई को मतदान
31 मई को होगी मतगणना