इसके बाद टेंडर जारी कर निर्माण कार्य कराया जाएगा। इसका संचालन एनएमआरसी करेगी। एनएमआरसी के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर महेंद्र प्रसाद ने बताया कि सेक्टर-94 में एनएमआरसी की करीब 3.75 हेक्टेयर जमीन है। ये जमीन एनएमआरसी की है। इसमें कुछ हिस्सा डीएमआरसी का भी है। डीएमआरसी ने इस पर अपनी सहमति दी है। यहां निर्माण किया जाएगा। इससे पहले भी इस लैंड पार्सल पर प्राधिकरण अपनी कामर्शियल योजना ला चुका है।
डेवलपर्स को लीज पर दी जाएगी जमीन
दो बार में एक भी कंपनी नहीं आने पर ये जमीन वापस एनएमआरसी और डीएमआरसी को दे दी गई थी। अब एनएमआरसी यहां निर्माण के लिए ईओआई जारी कर रहा है। मेट्रो इसी जमीन से राजस्व प्राप्त करना चाहता है इसलिए एनएमआरसी ने यह ऑफर दिया है। जानकारी के मुताबिक
नोएडा मास्टर प्लान और नोएडा बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक इतनी जमीन पर कमर्शियल उपयोग की अनुमति है। इस जमीन को मेट्रो की ओर से डेवलपर्स को 30 और 90 साल के लीज पर देने की योजना है।
पांच मॉडल पर शुरू होगा काम
जमीन के विकास की योजना के लिए पांच मॉडल पर काम किया जा रहा है। पहले मॉडल में जमीन को शॉर्ट टर्म पर लीज पर देकर राजस्व की प्राप्ति की जा सकती है। जो एजेंसी इसे लेगी वह खुद ही डेवलपमेंट करेगी। दूसरी योजना में स्पेशल पर्पस व्हीकल पर संयुक्त तौर पर विकास की योजना है। तीसरे में इस जमीन का फेज वाइज डेवलपमेंट किया जा सकता है। चौथा जमीन को लांग टर्म लीज पर भी दिया जा सकता है। वहीं पांचवीं योजना में डेवलपर्स से यह राय ली जाएगी कि वह यहां किस तरह से कमर्शियल हब बना सकता है।