इन अफसरों के पास मिली है अरबों की संपत्ति नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में तैनात रहे चीफ इंजीनियर यादव सिंह के पास अरबों रुपयों की संपत्ति का मामला सामने आया था। सीबीआई ने छापेमारी के दौरान घर से अरबों रुपये के प्रॉपट्री के कागजात, जूलरी व अन्य कीमती सामान जब्त किया था। यादव सिंह जेल में है। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
आयकर विभाग की टीम ने हालही में ग्रेनो अथॉरिटी के पूर्व महाप्रबंधक व भाजपा नेता रविंद्र तोगड़ के आवास पर आयकर विभाग की टीम की छापेमारी की थी। आयकर विभाग की लगातार चार दिन तक की गई छापेमारी सबसे लंबी रही। इससे पहले चीफ इंजीनियर यादव सिंह और ब्रजपाल चौधरी के यहां 2 दिन छापेमारी हुई थी। इस दौरान रविंद्र तोंगड के ग्रेनो स्थित बीटा-1 आवास और उनके गांव आनंदपुर समेत कई ठिकानों प्रॉपट्री के कागजात, करोड़ों रुपये और जूलरी बरामद की थी। इनके 2 स्कूल व एक फार्म हाउस, हॉसटल आदि की जानकारी मिली थी। आयकर विभाग की टीम अभी पूरे मामले की जांच कर रही है।
यह इंजीनियर पाता था 65 हजार और मिली 200 करोड़ की संपत्ति 10 जून को नोएडा अथॉरिटी में तैनात सहायक इंजीनियर ब्रजपाल चौधरी के ठिकानों पर भी आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। छापेमारी में सामने आया था कि 65 हजार रुपये वेतन पाने वाला इंजीनियर 200 करोड़ से अधिक संपत्ति का मालिक बन गया। यमुना अथॉरिटी के जमीन खरीद घोटाले में फंसे तत्कालीन सीईओ व रिटायर्ड आईएएस पीसी गुप्ता का जलवा रहा है। रिटायर्ड होने के बाद भी सबसे महंगे जेपी ग्रीन्स गोल्फ कोर्स में रहते थे। करीब 10 करोड़ रुपये कीमत के स्टार कोर्ट के पेंट हाउस में फैमिली के साथ रहते थे। फिलहाल जेल में है। इन्होंने भी कम समय में बड़ा अरबों का साम्राज्य स्थापित किया था।
जांच के बाद इन्हें किया गया कार्यमुक्त नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में तैनात कई चपरासियों और कर्मचारियों के पास करोड़ों रुपये की संपत्ति होने की शिकायत मिली थी। ग्रेनो अथॉरिटी के सीईओ ने जांच कराई तो मामला सहीं निकाला। संविदा पर तैनात चपरासी आॅडी से चलता था और उसके पास मेंं लाखों रुपयों का मोबाइल फोन था। जिससे देखते हुए ग्रेटर नोएडा के सीईओ ने उसे कार्यमुक्त कर दिया। साथ ही संपत्ति विभाग में तैनात एक बाबू के खिलाफ भी इसी तरह की शिकायत मिली थी। शिकायत मिलने पर सीईओ ने उसे भी कार्यमुक्त कर दिया था। ये दोनों ही संविदा पर तैनात थे।
ईडी से जांच के बाद मची है खलबली नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों की ईडी से जांच कराने की सिफारिश प्रदेश सरकार से की गई है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में तैनात मैनेजर से लेकर चपरासी तक की संपत्ति की जांच कराने के लिए सरकार को सीईओ की तरफ से लेटर भेजा गया है। इस सिफारिश के बाद में अथॉरिटी मेंं तैनात कर्मचारियों में खलबली मच गई है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों की कमाई का अंदाजा लगाना टेढ़ी खीर है।
दूसरी लिस्ट भी जल्द होगी जारी तीनों अथॉरिटी में सपा, बसपा व भाजपा नेताओं के करीबी लोग भी तैनात है। हालाकि इस माह प्रदेश सरकार की तरफ से अथॉरिटी में तैनात अफसरों व कर्मचारियों के ट्रॉसफर किए गए थे। दरअसल में अभी तक इन अथॉरिटी में तैनात अफसर से लेकर चपरासियों तक जमे हुए थे। लेकिन योगी सरकार ने प्रदेश की 9 अथॉरिटी को केंद्रीय कृत किया था। जिसकी वजह से अब अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रॉसफर दूसरी अथॉरिटी में किए जा रहे है। अभी दूसरी लिस्ट भी जारी की जाएगी। जिसमें ओर भी ट्रॉफसर किए जाने है।