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नोएडा

जर्जर इमारतों की ऑडिट के साथ मेंटेनेंस नियम बनायेगा नोएडा प्राधिकरण

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि प्राधिकरण एक स्ट्रक्चरल ऑडिट की प्रक्रिया बनाने जा रहा है। जो बिल्डिंग ज्यादा पुरानी हो गई हैं, उसके मेंटेनेंस नियम बनाने जा रहे हैं।

नोएडाSep 20, 2022 / 05:05 pm

Jyoti Singh

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Noida Authority will make maintenance rules with audit of dilapidated buildings

नोएडा के सेक्टर-21 स्थित जलवायु विहार की बाउंड्री वॉल मंगलवार को गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि कई लोग घायल हो गए थे जिनका इलाज जारी है। इस घटना के बाद नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्राधिकरण एक स्ट्रक्चरल ऑडिट की प्रक्रिया बनाने जा रहा है। शहर में जो बिल्डिंग ज्यादा पुरानी हो गई हैं, उसके मेंटेनेंस नियम बनाने जाएंगे। उन्होंने बताया कि नोएडा प्राधिकरण ने 2020 में जिन जर्जर इमारतों को चार श्रेणियों में बांट कर सर्वे कराया था। उसमें 114 इमारतें ऐसी थी जिनकों ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए था लेकिन अफसरों और कालोनाइजरों के गठजोड़ के कारण खतरनाक घोषित 114 इमारतों को अब तक ध्वस्त नहीं किया जा सका है।
सीएम योगी ने किया मुआवजे का ऐलान

ऋतु महेश्वरी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना में घायल और मृतकों के लिए मुआवजे का एेलान कर दिया है। बाकी जो भी मदद अथॉरिटी के नियमानुसार और कांटेक्ट प्रावधानों में है, घायल और जिनकी मौत हुई है, उनकी फैमिली को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नोएडा प्राधिकरण की ओर से इस हादसे के कारणों जानने के लिये एक इंटरनल जांच कराई जा रही है और प्रशासन द्वारा भी जांच कराई जा रही है। जिससे कि यह स्पष्ट हो जाए की दीवार गिरने का क्या कारण था। यह तो कंफर्म है कि जो दीवार गिरी थी वह पुरानी है लेकिन असल में क्या कारण रहा इस दीवाल के गिरने का, वह जांच के बाद पता चल पायेगा।
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चार श्रेणियों में हुआ था जर्जर इमारतों का सर्वे

बता दें कि नोएडा प्राधिकरण ने 2020 में शहर में चार श्रेणियों में जर्जर इमारतों का सर्वे कराया था। इसमें पहला असुरक्षित व जर्जर, दूसरा अधिसूचित व अर्जित भवन पर अवैध कब्जा, तीसरा अधिसूचित व अनर्जित जमीन पर बनी इमारत व चौथा ग्राम की मूल आबादी में बनी बहुमंजिला इमारतों को शामिल किया गया था। इसमें कुल 1757 इमारतों को चिन्हित किया गया। सर्वे के परिणाम चौंकाने वाले थे। पहली श्रेणी में कुल 56 जर्जर व असुरक्षित इमारत थी। इसमें सर्वाधिक इमारतें हिंडन विहार व गढ़ी चौखंडी गांव की थी। यहां धड़ल्ले से अवैध निर्माण किया जा रहा था। यहां बनाई गई इमारतें सात-आठ मंजिला तक है। विगत वर्ष इनका निर्माण कार्य रुकवा ध्वस्तीकरण के निर्देश दिए गए। लेकिन अब तक इमारतों को गिराया नहीं जा सका।
इमारतों को अवैध जर्जर करार दे जारी किए नोटिस

वहीं शहर के गांवों के अलावा कई स्थानों पर सैकड़ों इमारतों को अवैध जर्जर करार देकर नोटिस जारी किए थे। प्राधिकरण ने गांव की मूल आबादी में तीन मंजिला से अधिक 1326 इमारतों को चिन्हित किया था। इन सभी इमारतों का सत्यापन कराया जा रहा था। कागजी तौर पर यह देखा जा रहा था कि जिस जमीन पर इनका निर्माण किया गया है, वह प्राधिकरण अधिसूचित जमीन है या नहीं। अब तक इन इमारतों का सत्यापन का कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका है।

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