दरअसल, हाल ही में नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के फाइनेंस डिपार्टमेंट और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने सत्यापित करके वित्त वर्ष 2018-19 की बैलेंस शीट सार्वजनिक की है। जिसके मुताबिक प्राधिकरण के पास कुल 34,133 करोड रुपये की संपत्ति है। इनमें प्राधिकरण की इमारतें, गेस्ट हाउस ,फर्नीचर और फिक्सचर, वाहन, मशीनरी, कंप्यूटर सिस्टम, कम्युनिटी सेंटर और सोलर पावर प्लांट आदि शामिल हैं। वहीं प्राधिकरण ने 2,180 करोड रुपये बैंकों में जमा किए हैं। इनमें फिक्स्ड डिपॉजिट, बैंक बैलेंस, शॉर्ट टर्म और लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट शामिल हैं। इसके अलावा प्राधिकरण ने जमीन खरीदने, नोएडा के हिस्सों का विकास करने और दूसरी सेवाओं के लिए2,304 करोड़ रुपये के अग्रिम भुगतान भी किए हुए हैं। इनमें 20 करोड रुपये गाजियाबाद जिलाधिकारी को खोड़ा कॉलोनी के लिए दिए गए हैं।
4,966 करोड़ का दे रखा है कर्ज बत दें कि नोएडा प्राधिकरण ने 4,966 करोड रुपये से अधिक का कर्ज दिया हुआ है। इनमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण भी शामिल हैं। इनके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी, उत्तर प्रदेश टैक्सटाइल्स कॉरपोरेशन, उत्तर प्रदेश हैंडलूम कॉरपोरेशन, उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन, आगरा विकास प्राधिकरण को भी कर्ज दिया गया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नोएडा प्राधिकरण ने आम्रपाली सिलिकॉन सिटी के आईआरपी को साढ़े 10 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है।
539 करोड़ का निवेश बैलेंस शीट के मुताबिक नोएडा प्राधिकरण ने 539.22 करोड़ रुपये यूपी सरकार के 10 महकमों, कंपनियों और निगमों में निवेश किए हुए हैं। इनमें ताज एक्सप्रेस-वे, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी, उत्तर प्रदेश फाइनेंस कॉरपोरेशन, यूपी इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड, पिकअप में बॉन्ड, पिकअप में शेयर,नोएडा टोल ब्रिज कंपनी में हिस्सेदारी, यमुना पावर जेनरेशन कम्पनी में हिस्सेदारी और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में हिस्सेदारी शामिल हैं।
2019 करोड़ कमाए तो 1969 करोड़ किए खर्च अगर कमाई की बात करें तो वित्त वर्ष 2018-19 में नोएडा प्राधिकरण को 2019 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। प्राधिकरण ने 626 करोड़ रुपये कमाए के जरिए, शुल्कों के जरिए 341 करोड और दूसरी आमदनी से 253 करोड़ रुपये कमाए हैं। वहीं प्राधिकरण को 793 करोड़ रुपये ब्याज मिला है। जो कि ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण समेत तमाम दूसरे दूसरी संस्थाओं को दिए कर्ज दिए से हासिल हुआ है। वहीं उक्त वित्त वर्ष में प्राधिकरण ने 1,969 करोड़ खर्च किए हैं।