फोर्टिस अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राहुल भार्गव का कहना है कि प्रदूषण के कण बच्चों को बीमार कर रहे हैं। लंग्स में इरिटेशन, सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जो बच्चे पहले से बीमार हैं और जिन्हें अस्थमा है, उन्हें ज्यादा दिक्कत हो रही है। उन्हें पहले से ज्यादा अस्थमा का अटैक हो रहा है। निमोनिया हो रहा है, इम्यूनिटी कमजोर हो रही है। डॉ. राहुल भार्गव बताते हैं कि ओपीडी में 25 प्रतिशत बच्चे एलर्जी, दमा, सांस में दिक्कत की वजह से आ रहे हैं।
पिछले साल लॉकडाउन के चलते सुधरे हुए थे हालात डॉ. राहुल बताते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन के चलते हालात काफी अच्छे थे। प्रदूषण का स्तर इतना नहीं था। जो बच्चे अस्थमा से ग्रसित हैं, उन्हें पिछले साल इतनी दिक्कत नहीं हुई थी। लेकिन इस बार बच्चे घर से बाहर भी निकल रहे हैं और बाजार भी जा रहे हैं। जिसकी वजह से उन पर प्रदूषण का असर देखा जा रहा है। डॉक्टर ने कहा कि अब स्कूल खुल रहे हैं, आने वाले दिनों में इसका और असर देखा जा सकता है।
प्रदूषण के कारण इन बीमारियों से हो रहे बच्चे परेशान फेफड़ों में इरिटेशन, एलर्जी, सांस लेने में दिक्कत और सांस लेने की क्षमता कम होना, अस्थमा का अटैक बढ़ना, कफ का होना, सिर में दर्द, नाक का बंद होना, थोड़ा सा खेलकूद पर सांस फूलने की परेशानी, अक्यूट अस्थमा अटैक, रेस्पिरेट्री इन्फेक्शन, इसका असर बच्चे के विकास पर असर हो सकता है।