घोटाले की वजह से गरीबों को 8-10 महीने से नहीं मिल रहा राशन
भूखमरी की शिकार महिला बताती हैं कि मुझे 8-10 महीने से राशन नहीं मिला है। मेरे 5 बच्चे हैं और पति की मौत हो चुकी है। लिहाजा, महीने में 15-20 दिन बच्चों को एक वक्त का ही खाना खिला पा रही हूं। महिला ने बताया कि लोगों के घरों में काम कर गुजारा चलता है। सरकारी कोटे का राशन मिलता नहीं और मेरे पास इतने पैसे नहीं कि मैं बच्चों को दोनों वक्त खाना खिला पाऊं। ये पीड़ा नोएडा के खाद्य आपूर्ति विभाग में अपने राशन कार्ड को आधार नंबर से लिंक को ठीक कराने पहुंची सेक्टर-8 की रहने वाली मलीशा खातून ने बयाम की। गौरतलब है कि नोएडा में राशन घोटाला सामने आने के बाद से दफ्तर में लोगों से जुड़ा कोई काम नहीं हो रहा है, जिससे गरीबों का बहुत ही बुरा हाल है।
जनता की नहीं हो रही कोई सुनवाई
गौरतलब है कि जिले में सिस्टम में अपडेट किए गए लोगों के आधार नंबर की हेराफेरी कर किए गए राशन घोटाले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस घोटाले में कई अधिकारियों की भूमिका शक के घेरे में है। गौरतलब है कि मीडिया लगातार जिले में 5 हजार लोगों के राशन कार्डों पर गलत आधार नंबर लिंक होने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर रहा है, लेकिन जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। शासन की ओर से इसकी जांच कराने के बजाय 5 हजार लोगों के साथ हुई इस गड़बड़ी पर पर्दा डाले रखा। जिसकी कीमत जिले के गरीब अवाम चुका रहे हैं। बताया जाता है कि पीड़ितों की संख्या अब 16 हजार तक पहुंच गई है। खाद्य आपूर्ति विभाग के दफ्तर में अपना काम कराने पहुंची एक और सुषमा ने बताया कि कई बार अपना आधार कार्ड अपडेट करा चुकी हूं, लेकिन होता ही नहीं है और इसकी वजह से राशन नहीं मिल पाता है। उन्होंने भी बताया कि 8-10 महीने से मैं परेशान हूं। कोई हमारी नहीं सुन रहा है।
स्टाफ कम होने को अफसर बता रहे समस्या की वजह
हालांकि, खाद्य आपूर्ति विभाग के अफसर स्टाफ कम होने का रोना रो रहे हैं। क्षेत्रीय खाद्य आपूर्ति अधिकारी सुशील तिवारी कहते हैं कि इस वक्त हमारे ऑफिस में स्टाफ की भारी किल्लत है। वह कहते हैं कि जनता को दिक्कत तो हो रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगले दो-तीन दिन में यहां एक-दो स्टाफ की पोस्टिंग हो जाएगी। इसके बाद लोगों के काम होने शुरू हो जाएंगे। अफसर भले ही स्टाफ कम होने की दुहाई दे रहे हो, लेकिन जनता परेशान है।