बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर लिखा है कि देश के राष्ट्रपति पद के चुनाव में सत्ता और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के कारण ही इसके लिए अन्ततः चुनाव हुआ था। ठीक उसी तरह की स्थिति अब उपराष्ट्रपति पद के लिए 6 अगस्त को होने वाले चुनाव में भी बन रही है। बसपा ने ऐसे में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में व्यापक जनहित और अपनी आंदोलन को देखते हुए जगदीप धनखड़ को अपना समर्थन देने का निर्णय लिया। जिसकी वह आज औपचारिक रूप से घोषणा भी कर रही हैं।
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पर्यटन मंत्री ने आगरा, मथुरा और फिरोजाबाद के 15 स्मारकों को लेकर लिया बड़ा फैसला पहले भी पार्टी आंदोलन को देखते हुए दिया था समर्थन ज्ञात हो कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जब एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था तो सबसे पहले बसपा सुप्रीमो ने ही एनडीए प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान किया था। उस दौरान मायावती ने कहा था कि द्रौपदी मुर्मू (राष्ट्रपति) को सिर्फ अनुसूचित जनजाति की महिला होने के चलते ही बसपा ने अपने आंदोलन को देखते हुए समर्थन देने का ऐलान किया है।
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सुपरटेक ट्विन टावर में तय समय पर शुरू नहीं हो सका विस्फोटक लगाने का काम भाजपा या फिर एनडीए की हिमायत के तौर पर नहीं देखने की कही थी बात बसपा प्रमुख ने यह भी कहा था कि इसे सत्ताधारी भाजपा या फिर एनडीए की हिमायत के तौर पर नहीं देखें। उन्होंने कहा था कि बसपा ने यह फैसला स्वतंत्र होकर लिया है।