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कोर्ट से जीत गये केस, प्राधिकरण की फाइलों में मृत
नोएडा के सेक्टर-45 स्थित सदरपुर के रहने वाले खजान सिंह की नोएडा प्राधिरकरण ने करीब 40 साल पहले जमीन अधिग्रहण कर ली थी। आरोप है कि उन्हें इसके एंवज में कोर्इ मुआवजा राशी नहीं दी गर्इ। अपना मुआवजे का हक पाने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी। 2013 में वह केस जीत गए। इसके तहत प्राधिकरण को उन्हें पांच प्रतिशत जमीन का एक प्लॉट आवंटित करना है। इसके लिए वह कोर्ट काॅपी लेकर प्राधिकरण के भूलेख विभाग पहुंचे, तो अपना नाम मृत में पाकर चौंक गये। प्राधिकरण की बंद फाइल खुली तो उसमें उन्हें मृतक घोषित किया हुआ है। वहीं इसके आधार पर अधिकारियों ने उन्हें यह प्लॉट नहीं दे पाने की बात कह दी। जबकि प्लाॅट लेने के उनके सभी सथी किसानों को प्राधिकरण ने प्लाॅट आवंटन कर दिये है।
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जिंदा होने के दे चुके हैं सबूत
वहीं नोएडा प्राधिकरण के चक्कर काट रहे पीड़ित खजान सिंह ने बताया कि पिछले दो साल में वह प्राधिकरण के सैकड़ों चक्कर काट चुके है। इसके लिए वह कर्इ बार प्राधिकरण अधिकारियों से गुहार लगाने के साथ ही शपथ पत्र से लेकर खुद को जिंदा साबित करने के लिए तमाम तरह के सबूत दे दे चुके है। इसके बावजूद प्राधिकरण में बैठे अधिकारी उनके नाम के आगे से दस्तावेजों में मृतक हटाने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अब अब वह पीएम मोदी से मामले की शिकायत करेंगे। साथ ही सीएम योगी को चिट्ठी देने के साथ ही जनता दरबार में जाकर अपनी गुहार लगायेंगे। वहीं इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के भूलेख विभाग में तैनात तहसीलदार विनय पांडे ने बताया कि 2016 में प्राधिकरण के भूलेख विभाग की फाइल में उनका रिकाॅर्ड मृतक के रूप में दर्ज है। यह कैसे हुआ। इसकी जानकारी तो नहीं है, लेकिन खजान सिंह द्घारा जमा दस्तावेजों साथ फाइल में उनके नाम से मृतक हटाने के लिए उच्च अधिकाारियों के पास फाइल भेजी गर्इ है।