सपा-बसपा का हुआ गठबंधन तो इस नेता के पैरों तले खिसक जाएगी जमीन!
आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट पर चुनाव हारने का कारण पार्टी जाट वोट बैंक का उससे छिटकना मानती है। अब पार्टी का फोकस दलित वोट बैंक को उससे जोड़ने पर है। कैराना सीट पर रालोद के टिकट पर महागठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन व नूरपुर सीट पर सपा के टिकट पर महागठबंधन प्रत्याशी नईमउल हसन ने जीत दर्ज की थी। इस उपचुनाव में भाजपा का मानना है कि उसे दलित व जाट वोट बहुत ही कम संख्या में मिला।
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इसी रणनीति के चलते उसने मेरठ की दलित नेता कांता कर्दम को राज्यसभा में भेजा था। इसके साथ ही कैराना और नूरपुर उपचुनाव में कर्दम को दलित वोटरों को पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी थी। आपको बता दे कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आए दिन दलित और सवर्णों में संघर्ष होता रहता है। दो दिन पूर्व ही जिले के दो गांवों में राजपूत और दलित समाज के लोगों में जातीय संघर्ष हुआ है, जिसमें एक दलित युवक की मौत हो गई। अन्य विपक्षी पार्टियां इस मामले को लेकर भाजपा पर हमलावर हैं।