यूपी मे भाजपा ने 62 सीटें हासिल की है, जबकि सहयोगी ने 2। पिछली बार भाजपा ने वेस्ट यूपी में 14 सीटें हासिल की थी। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा वेस्ट यूपी की नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर और कैराना पर जीत दर्ज की है। 2017 में हुए उपचुनाव के दौरान कैराना सीट पर गठबंधन की जीत हुई थी। भाजपा नेता हुकुम सिंह की मौत के बाद यहां उपचुनाव हुए थे। एक तरफ जहां वेस्ट यूपी में गठबंधन बढ़त बनाई तो कांग्रेस को यूपी में नुकसान हुआ। राहुल गांधी खुद ही अमेठी लोकसभा से हार गए। भाजपा की स्मृति ईरानी ने हराया हैै।
जिसके बाद कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी के दिग्गजों पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीतांबर शर्मा का कहना है कि यूपी में कांग्रेस के नेतृत्व की कमी है। ऊपर से मेहनत की जा रही है तो जमीनी नेता निष्क्रिय है। वहीं, वरिष्ठ नेता कृपराम शर्मा का कहना है कि पार्टी की तरफ से अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं जताया जा रहा है। अगर पार्टी की तरफ से अपनों पर ही भरोसा जताया जाए तो वह अच्छा रिजल्ट देगा। बाहरी प्रत्याशी नहीं दे सकता है। उन्होंने बताया कि 2019 में कोई प्रत्याशी लड़ा ही नहीं। पूरे चुनाव में मोदी ही हावी रहे है। सीधे मोदी ही चुनाव लड़ रहे थे। हर किसी की जुबान पर मोदी ही था। उन्होंने बताया कि मुद्दा तो राष्ट्रवाद और बालाकोट ही रहा है।