दरअसल, नोएडा सेक्टर-45 सदरपुर निवासी शैलेंद्र कुमार अपनी पत्नी को गुरुवार रात करीब साढ़े नौ बजे प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टरों ने उसने कहा कि वह हॉटस्पॉट से आए हैं इसलिए उन्हें ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) जाना होगा। डॉक्टरों ने इतना कहकर मरीज को रेफर कर दिया और एंबुलेंस भी नहीं दी गई। इस दौरान पत्नी की प्रसव पीड़ा बढ़ती गई और उपचार नहीं मिलने पर वह उसको लेकर वापस घर लौट रहे थे। इसी दौरान पत्नी की प्रसव पीड़ा बढ़ गई और उसने अस्पताल के बाहर मुख्य गेट पर ही एक बच्ची को जन्म दे दिया। वहीं समय पर इलाज नहीं मिलने पर कुछ देर में ही नवजात बच्ची की मौत हो गई।
शैलेंद्र ने इस संबंध में अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि नवजात को अस्पताल के बाहर जन्म देने के बाद भी डॉक्टरों ने पत्नी को अस्पताल में भर्ती नहीं किया और न ही नवजात का कोई उपचार दिया है। वहीं इस मामले में जिला अस्पताल कि सीएमएस वंदना शर्मा का कहना है कि अस्पताल के बाहर एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। इसकी सूचना मिलते ही जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच में लापरवाही पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी।