वैसे तो भगवान श्री कृष्ण की अनेको स्तुति, हजारों मंत्र हैं। लेकिन इनमें से भी कुछ खास सहज और अचूक मंत्र हैं जिनके पाठ, जाप से बांके बिहारी भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं। जन्माष्टमी पर इन मंत्रों का करें पाठ-
करारविंदे पदारविंद्म मुखारविंदे विनिवेशयन्तम ।
वटस्य पत्रस्य पुटे शयानम बालं मुकुंद्म मनसा स्मरामि।। कष्ट निवारण के लिए- ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणतक्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः।। पाप, ताप नाश के लिए-
ॐ सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादि हेतवे। तापत्रये विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम: संतान प्राप्ति के लिए मंत्र- ॐ देवकीसुतगोविंद वासुदेवजगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।। मनोकामना सिद्धि के लिए- मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम् ।
यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्दमाधवम् ॥
सर्व कल्याण के लिए- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:।। विद्या प्राप्ति के लिए- ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे ।। सर्व सिद्धि के लिए-
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे।। विशेष कृपा पाने के लिए- श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
पितु मात स्वामी सखा हमारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
मनोकामना सिद्धि के लिए- वसुदेव सुतं देवं कंस चारुण मर्दनम ।
देवकी परमानंदम् कृष्णंवंदे जगत्गुरुम् ॥ जन्माष्टमी के दिन मधुराष्टकम का पाठ भी कल्याणकारी होता है- अधरं मधुरं वदनं मधुरं, नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं, मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
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