तबस्सुम हसन के चुनाव जीतते ही सपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा समर्थक के घर बोला धावा, कई घायल, 1 की हालत गंभीर
31 मई को देशभर के कई राज्यों में खाली हुई विधानसभा और लोकसभा सीटों आए उपचुनाव नतीजों में जिस सीट की सबसे ज्यादा चर्चा हुई वह पश्चिमी यूपी की कैराना सीट थी। भाजपा को हराने के लिए यहां पूरे विपक्ष ने तबस्सुम हसन पर दांव लगाया था। जिसमें रालोद के सिंबल पर उन्होंने चुनाव लड़ा था। हालांकि विपक्ष का यह दांव कामयाब रहा और भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह ये चुनाव हार गईं। जिसमें वह अपने पिता की मौत के बाद इस सीट से चुनाव लड़ रहीं थीं। सहानुभूति की लहर भी उनको चुनाव नहीं जिता सकी।
कैराना से रालोद सांसद तबस्सुम हसन के प्रतिनिधि ने अब भाजपा पर लगाया ये गंभीर आरोप, कर दी यह मांग
कैराना उपचुनाव का अगर हम विधानसभावार गठबंधन प्रत्याशी और भाजपा प्रत्याशी को मिले वोटों का विश्लेषण करें तो कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आएंगे। दरअसल जिन क्षेत्रों से दोनों उम्मीदवारों को अच्छा वोट मिलने की उम्मीद थी वहां दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा। जिनमें मृगांका सिंह को योगी सरकार के कद्दावर मंत्री धर्म सिंह सैनी की विधानसभा नकुड़ एवं गन्ना मंत्री सुरेश राणा की विधानसभा थाना भवन में तो वहीं सपा-रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन को अपने ही बेटे नाहिद हसन के क्षेत्र कैराना विधानसभा में करारी हार का सामना करना पड़ा। भले ही तबस्सुम हसन भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह को हराकर सांसद बन गईं हों, लेकिन कैराना विधानसभा सीट पर वह हार गईं। यहां से तबस्सुम के बेटे नाहिद हसन विधायक हैं। तबस्सुम हसन को यहां 79378 वोट मिले, जबकि मृगांका को 93195 वोट मिले।आप को बड़ा झटका, इस नेता ने छोड़ा साथ, केजरीवाल के खिलाफ कह दी ये बड़ी बात, पार्टी में मचा हड़कंप
इस तरह कैराना विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी को 13817 वोटों से बढ़त मिली लेकिन यह बढ़त अन्य विधानसभा क्षेत्रों में बरकरार नहीं रह सकी। इस विधानसभा क्षेत्र में 2017 के मुकाबले भाजपा का वोट शेयर बढ़ा है। इसके अलावा छह बार के सपा विधायक और एमएलसी वीरेंद्र सिंह के गांव जसाला में सपा-रालोद प्रत्याशी को कम वोट मिले। यहां तबस्सुम हसन को 710 और भाजपा की मृगांका सिंह को 1938 वोट मिले। साथ ही भाजपा जिलाध्यक्ष पवन तरारा के गांव सिलावर में भाजपा को 1068 वोट तो रालोद प्रत्याशी को 1357 वोट मिले।