बुआ-भतीजे को टक्कर देने के लिए आई देवर-भाभी की जोड़ी
नोएडा। कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव अब दिलचस्प मोड़ ले चुका है। 28 मई को यहां वोटिंग है जबकि 31 मई को काउंटिंग होगी। भाजपा की तरफ से उपमुख्यमंत्री समेत कई मंत्री यहां डेरा डाले हुए हैं, जबकि खुद मुख्यमंत्री योगा आदित्यनाथ सहारनपुर के गंगोह और शामली में जनसभाएं कर चुके हैं। हालांकि, डिप्टी सीएम को तबियत बिगड़ने के कारण बीच में ही दिल्ली जाना पड़ा लेकिन अब भी कई मंत्री वहां डटे हुए हैं। वहीं, विपक्षी दल से राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के मुखिया अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी रालोद प्रत्याशी के समर्थन में वहीं पर डटे हुए हैं। सपा के पूर्व मंत्री भी वहां पर रालोद प्रत्याशी के समर्थन में देखे जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: वजन कम करने के लिए इस हिसाब से पीजिए पानीचुनाव में सियासी दुश्मन अाए साथ इस चुनाव की खास बात यह है कि इसमें कई सियासी दुश्मन साथ आ गए हैं। कभी सियासी दुश्मन रहे कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद और सपा विधायक नाहिद हसन को कैराना उपचुनाव ने एक कर दिया। इनमें छत्तीस का आंकड़ा माना जाता था, लेकिन सपा विधायक ने अपनी मां तबस्सुम हसन के लिए पहल की और दो ‘दुश्मन’ एक हो गए।
यह भी पढ़ें: Exclusive- कैराना में चुनाव प्रचार के दौरान इस बीमारी का शिकार हुए डिप्टी सीएम मौर्य, प्लेन से दिल्ली रवानाअनिल चौहान ने लड़ा था मृगांका के खिलाफ चुनाव इतना ही नहीं कभी भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले उनके भतीजे अनिल चौहान भी अब पाला बदल चुके हैंं। बुआ को टक्कर देने वाले अनिल चौहान अब फिर से कुनबे में जुड़ गए हैं। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव 2017 में तबस्सुम के बेटे नाहिद ने मृगांका को शिकस्त दी थी। उस चुनाव में अनिल चौहान बुआ के खिलाफ खड़े हुए थे और कैराना सीट पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था।
यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री की जनसभा के बीच में खड़ी हो गई महिला टीचर तो पुलिस ने किया यह हालकंवर हसन ने दिया तबस्सुम को समर्थन इसके बाद एक और चौंकाने वाला फैसला आया। वह था लोकदल प्रत्याशी कंवर हसन और रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन के बारे में। तबस्सुम हसन रिश्ते में कंवर हसन की भाभी लगती हैं। हसन कुनबे में देवर और भाभी के बीच नहीं बनती है। इतना ही नहीं कंवर हसन ने इस चुनाव में लोकदल के टिकट पर मैदान में उतरने का ऐलान का तबस्सुम के लिए मुश्किलें भी खड़ी कर दी थीं। इससे मुस्लिम वोटों का बंटवारा होना तय था, लेकिन गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभा से पहले रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने बड़ी चाल खेली और कंवर हसन तबस्सुम के पाले में चले गए।