पहल: गाजियाबाद में खुला पहला पैड बैंक, अब महिलाआें को फ्री में मिलेंगे सैनेटरी पैड
फिल्म से प्रेरित होकर उठाया कदम
फिल्म लोगों को प्रेरित करती है। इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन फिल्मों से प्रेरित होने वाला यदि इसे पॉज़िटिव रूप में लेता है, तो इसका लाभ समाज को मिलता है। इसी तरह इस संस्था के अध्यक्ष राजन श्रीवास्तव को पैडमैन फिल्म इतनी अच्छी लगी कि वह रियल लाइफ में पैडमैन बन गए। इसके लिए उन्होंने महामाया बालिका इंटर काॅलेज में सेनेटरी पैड्स वेंडिंग मशीन लगवा दी।
उत्तर प्रदेश्ा के इस जिले में खुला अनोखा बैंक, जहां पुरुष भी दान कर रहे सैनेटरी पैड
गांव आैर देहात में मशीन लगवाने का लक्ष्य
राजन श्रीवास्तव ने बताया कि उनका लक्ष्य गांव और देहात में ऐसी मशीन लगाने का है, जिससे लड़कियों और महिलाओं में सेनिटेशन, हेल्थ अवेयरनेस और उनकी झिझक को मिटाया जा सके। लड़कियों में सेनिटेशन, हेल्थ जागरुकता और उनकी झिझक मिटाने के लिए ये पहल की गई है। उन्होंने बताया कि यह जिले में पहली मशीन है। इसकी कीमत 14 हजार रुपये है। इसके साथ ही उन्होंने काॅलेज की 600 छात्राओं को नेल कटर, हैंड सेनेटाइजर, बोरोलीन, सेनेटरी पैड्स, वी वाश, जूट बैग इत्यादि वितरित किए।
अक्षय कुमार पैडमैन तो उत्तर प्रदेश के इस जिले में रहती हैं पैडवूमेन
एक रुपये में खुद मशीन से पैड ले सकेंगी लड़कियां
इस मशीन को स्कूल को परिसर में लगाया गया है, जिससे इंटर काॅलेज में पढ़ने वाली छात्रा मशीन में एक रुपये डालकर खुद पैड ले सकेंगी। वहीं इस मौके पर काॅलेज की प्रिंसिपल प्रतिभा चौधरी ने बच्चों को कहा कि वे जब हाईजीनिक और हेल्दी रहेंगे, तभी देश की तत्परता से सेवा कर पाएंगे। डॉक्टर मोनिका शर्मा व डॉक्टर सीमा एल कृष्णा ने छात्राओं को पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई व सेनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के लिए जागरूक किया। सैनेटरी पैड्स वेंडिंग मशीन के बाबत स्कूल की लड़कियों ने बताया कि उन्हें साफ-सुथरा रहने के बारे में बताया गया है। वे झिझक की वजह से बाजार से पैड्स नहीं खरीद पाती हैं। अब उन्हें सुविधा होगी और वे अपने को साफ-सुथरा और स्वस्थ रख सकती हैं।