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सूत्रों के मुताबिक गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी से भी पूर्व मंत्री और लगातार तीन बार विधायक रहे मदन चौहान को टिकट मिलने की चर्चा जोरों पर है। अगर यह सीट सपा के खाते में गई तो बसपा द्वारा घोषित प्रत्याशी वीरेंद्र ढाड़ा का टिकट कटना तय है।यूपी की इस जेल में योगी सरकार ने कैदियों को दी बड़ी सौगात, हो गई बल्ले-बल्ले
ऐसे में वीरेंद्र ढाड़ा द्वारा पिछले छह महीने से की जा रही उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है। इतना ही नहीं सपा-बसपा गठबंधन होने पर यह सीट सपा के खाते में जाना वीरेंद्र ढाड़ा के लिए पैरों तले जमीन खिसकने जैसा हो सकता है, क्योंकि उनके द्वारा क्षेत्र में जनसंपर्क और पूरे लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशी घोषित होने के बाद बैनर व होर्डिंग्स पर काफी पैसा खर्च किया जा चुका है।पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा क्षेत्र से 2002 से 2012 तक लगातार तीन बार विधायक रहे दिग्गज सपा नेता मदन चौहान को गौतमबुद्ध नगर और अमरोहा लोकसभा सीट से टिकट दिया जा सकता है। इस तरह की अटकलें पार्टी में चल रही हैं।
इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सपा की नजर ठाकुर वोट बैंक पर है और गौतमबुद्ध नगर ठाकुर बाहुल्य लोकसभा सीट है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस के गठबंधन के बाद से अनुमान लगाया जा रहा है कि मदन चौहान को ऐसी सीट से टिकट दिया जाएगा जो ठाकुर बाहुल्य व बसपा-कांग्रेस के वोट बैंक को भी अपनी ओर ले आए।
गौरतलब है कि भाजपा का मजबूत गढ़ कहे जाने वाली गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा सीट पर मदन चौहान ने 2002 में भाजपा के निवर्तमान विधायक राम नरेश रावत को पराजित कर सीट भाजपा से छीनी थी। वहीं 2007 में दूसरी बार विधायक बनने के बाद वह ठाकुर अमर सिंह के खास हो गए।
इसके बाद 2012 विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने गढ़ विधानसभा क्षेत्र पर जातीय गणित बैठाते हुए गुर्जर समाज के रविन्द्र चौधरी का टिकट घोषित कर दिया। हालांकि सपा से निलंबित चल रहे मदन चौहान ने अमर सिंह की पार्टी से चुनाव न लड़कर चुनाव से पहले ही सपा में जोरदार वापसी की।