ये भी पढ़ें : Shardiya Navratri 2018: जानिए कब से है शुरू हो रहा है शारदीय नवरात्र और व्रत करने की तारीख हरतालिका व्रत या तीज (Hartalika Teej)से जुड़ी एक मान्यता है कि इस व्रत को करने वाली स्त्रियां पार्वती जी के समान ही सुखपूर्वक पतिरमण करके शिवलोक को जाती हैं। इसलिए व्रत करने वाली महिलाओं के अलावा कुंवारी युवतियां भी गौरी-शंकर की पूजा करती हैं। तीज व्रत के दिन महिलाएं सौभाग्यवती स्त्रियां नए लाल वस्त्र पहनकर, मेंहदी लगाकर, सोलह शृंगार करती है और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और मां पार्वती जी की पूजा आरम्भ करती है। इस पूजा में काली मिट्टी से शिव, पार्वती और गणेश की प्रतिमा बनाई जाती है इसके बाद मूर्तियों का विधिवत पूजन किया जाता है। महिलाएं सुहाग का सामान भी चढ़ाती हैं। पूजा करने के बाद महिलाएं एक साथ बैठ कर हरितालिका तीज की कथा एक दूसरे को सुनाती हैं।
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नोएडा में रह कर नौकरी करने वाली दीपिका ने बताया कि वो यहां जॉब करती हैं और इस बार यहीं व्रत करेंगी। जिसके लिए उन्होंने तैयारियां शुरू कर दी हैं और कपड़े आदि खरीद लिए हैं। दीपिका बताती हैं कि इस व्रत (Hartalika Teej)के साथ एक और मान्यता है कि एक बार व्रत रखने के बाद इसे हर साल रखा जाता है। लेकिन अगर महिला की तबियत ठीक नहीं हो तो ये व्रत पति द्वारा रखा जा सकता है। हरतालिका व्रत के दिन व्रती को सोना निषेध बताया गया है, महिलाओं को रात में भजन कीर्तन के साथ रात्रि जागरण करना पड़ता है। उसके बाद अगले दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा करने और दान देने के बाद व्रत खोला जाता है। (Hartalika
teej 2018 kab hai )