बता दें कि संपत्ति की रजिस्ट्री की लिए जिला प्रशासन की ओर से हर साल सर्किल रेट लागू किए जाते हैं। इस बार जिला प्रशासन के निर्देश पर रजिस्टार ऑफिस ने सर्किल रेट में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की तैयारी कर ली थी। इसके लिए टीमें बनाकर सर्वे शुरू कर दिया गया था। इसी बीच मार्च में कोरोना के कारण मामला अटक गया।
कोरोना वायरस के कारण रजिस्ट्रार ऑफिस अप्रैल माह में नहीं खुला था। 4 मई से रजिस्ट्रार ऑफिस खोलने के आदेश हुए थे, लेकिन दो स्टांप वेंडर्स कोरोना से संक्रमित पाये जाने के कारण कई दिनो रजिस्ट्री का काम प्रभावित हुआ। ऐसे में मई माह और 8 जून तक जिले के सभी छह सब रजिस्ट्रार कार्यालय में मात्र 1489 संपत्तियों की रजिस्ट्री हो पाई है।
गौरतलब है कि अब नोएडा में कोरोना वायरस के बढ़ते केस को देखते हुए अगले दो-तीन महीने तक पूरी तरह राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, जबकि अगस्त से नए सर्किल रेट लागू किए जाने हैं। इस कारण अब कुछ समय तक संपत्ति खरीदना लोगों की प्राथमिकता में नहीं होगा। इसको देखते हुए अधिकारियों का कहना है कि इस बार सर्किल रेट में बढ़ोतरी नहीं करने का निर्णय लगभग ले लिया गया है। इस बारे में निबंधन विभाग के एआईजी एस.के त्रिपाठी का कहना है कि सर्किल रेट की मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी होते हैं, जो वे निर्णय लेंगे उसको लागू किया जाएगा।