इंटरमीडिएट, एमबीए और इंजीनियर की डिग्री भी बनाते थे एडिशनल डीसीपी नोएडा रणविजय सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि नोएडा फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने वाला गैंग सक्रिय है जो 3 से 4 हजार रुपये ले कर 10 हजार रुपये में लोगों को इंटरमीडिएट, एमबीए और इंजीनियर तक की डिग्री बनाकर देता है। सूचना पर पुलिस ने अपने मुखबिरों को सक्रिय किया और उनकी सूचना पर सेक्टर-15 स्थित मैट्रो स्ट्रेशन के पास से अब्दुल समद और आदिल को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान दोनों ने फर्जी मार्कशीट व डिग्री बनाने कबूल की। मुख्य आरोपी अब्दुल समद ने बताया कि वह अपने एक साथी आकिल के साथ मिलकर फर्जी मार्कशीट व डिग्री बनाने का काम करता था, लेकिन दो माह पहले अकिल की मौत हो गई। जिसके बाद अकिल के बेटे आदिल को उसने अपने साथ मिला लिया।
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मौलाना तौकीर रजा की चेतावनी, भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की फौरन हो गिरफ्तारी वरना अंजाम … पेपर और डिग्री के अनुसार रेट तय करते थे आरोपी एडिशनल डीसीपी नोएडा ने बताया कि दोनों आरोपी 12वीं तक पढ़े हैं और ये दोनों 3,000 से 4,000 रुपये में डिग्रियां बनाते थे। पेपर और डिग्री के अनुसार रेट तय करते थे। हर महीने ये 10 से 15 फर्जी डिग्री बनाते थे। डिग्रियां बनाने के लिये कोरल ड्रा साफ्टवेयर का प्रयोग करते थे। जिसमें बड़ी बारीकी से काम किया जाता था। असली और नकली में फर्क कर पाना काफी मुश्किल था। ऐसे में बिना पढ़े ही ये लोगों को ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री तक दिलवा देते थे।
पुलिस के मुतसबिक, अब तक दोनों करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों की डिग्री बना चुके हैं। पकड़ी गई अधिकांश डिग्री सीसीएस विश्वविद्यालय की है। इसके अलावा 12वीं और 10वीं की मार्कशीट भी मिली है। इन लोगों ने जिन लोगों की डिग्री बनाई उन तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। साथ इनके साथ और कौन कौन जुड़े है, उनको भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।