ये है पूरा मामला बता दें कि मेडिकल टूरिज्म की आड़ में अफगान के युवक नोएडा में नशे का कारोबार चला रहे थे। अफगानिस्तान से इलाज के लिए दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में आने वाले लोगों और स्थानीय डॉक्टरों के बीच यह युवक ट्रांसलेटर थे। इसके बदले में एक से डेढ़ लाख रुपये मिलते थे। शरणार्थी के रूप में रह रहे इन युवकों ने फर्जी तरीके से पहचान पत्र व आधार कार्ड तक बनवा लिए थे। आरोपियों के नाम अफगान के मुर्तजा हाकिमी, जमशेद, महमूद खान व समीर खान और उज्बेकिस्तान की सादोकत अख्मीदोवा एलिस हयात हैं। तीनों को नोएडा के सेक्टर-135 स्थित जेपी ग्रींस विश टाउन सोसाइटी से गिरफ्तार किया गया था।
विदेश में रहता है फ्लैट का मालिक जांच में पता चला है कि फ्लैट का मालिक कहीं विदेश में रहता है। नोएडा में एक दलाल के माध्यम से आरोपियों ने तीन माह पूर्व ही फ्लैट किराये पर लिया था। इसी फ्लैट से डीआरआई टीम को करीब आठ किलो मादक पदार्थ मिले थे। इसकी जांच कराई जा रही है। सादोकत को उसी दिन जेल भेज दिया गया था, लेकिन मुर्तजा और जमशेद को कोर्ट से पांच दिन के रिमांड पर लिया गया था।
इन टीमों ने आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की वहीं पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एनआईए, आईबी, एनसीबी और दिल्ली पुलिस की टीम भी नोएडा पहुंचीं। जांच एजेंसियों ने सभी आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की। फिलहाल, कोई भी एजेंसी इन आरोपियों के बारे में कुछ भी खुलकर नहीं बता रही है।