यह भी पढ़ेंः UP से आई BJP नेताओं के लिए बुरे दिन की आहट, लोगों ने सांसद को गांव से उल्टे पांव लौटाया
ईवीएम में प्रतिनिधियो कि किस्मत कैद होती है, इसीलिए प्रत्याशी हारने के बाद अक्सर मशीन में छेड़छाड़ का का ठिकड़ा फोड़ते रहे हैं। वहीं, चुनाव आयोग इन मशीनों के पूरी तरह सुरक्षित होने की दावा करता रहा है। ईवीएम मशीन के गायब होने का मामला सामने आने के बाद सरकारी महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। जो मशीन गायब हुई है, उसे तत्कालीन सैक्टर मजिस्टेट, तत्कालीन अधिशासी अभियंता, मुख्य अभियंता, प्रशिक्षण अकादमी ओखला दिव्य कृष्ण मिश्र को मतदाताओं को जागरुक एवं प्रशिक्षण के लिए 23 जनवरी 21017 को ईवीएम मशीन सैक्टर 19 के सिटी मजिस्टेट कार्यालय से उपलब्ध कराई है थी। लेकिन दिव्य कृष्ण मिश्र ने जब मशीन नहीं जमा की तो 2 फरवरी 2018 को मशीन जमा करने को कहा गया, लेकिन मशीन फिर भी नहीं जमा कि गई। 16 फरवरी को सुबह 11 बजे उपस्थित होने को कहा गया और नोटिस में ये भी कहा गया कि यदि वे उपस्थित नहीं हुये तो ये माना जाएगा कि उन्हें कुछ नहीं कहना है और लोक प्रतिधित्व 1950 के तहत कार्रवाई कि जाएगी। दिव्य कृष्ण मिश्र को अंतिम नोटिस 4 मई को को सर्व किया गया। इसके वावजूद मशीन जमा नहीं करने पर विजयपाल तत्कालीन सहायक रजिस्ट्रार ने रिपोर्ट के आधार पर 13 मई को बाँके लाल सहायक रजिस्ट्रार की शिकायत पर ग्रेटर नोएडा के दादरी थाने में लोक प्रतिधित्व 1950,51,89 के सेक्शन 134,136 के तहत मुकदमा दर्ज़ किया है। इसके साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
यह भी पढ़ेंः यूपी के इस शहर में ट्रांसफॉर्मर में अचानक लगी ऐसी आग कि लोगों ने पूरा इलाका कर दिया खाली
तत्कालीन सैक्टर मजिस्टेट, तत्कालीन अधिशासी अभियंता, मुख्य अभियंता, प्रशिक्षण अकादमी ओखला दिव्य कृष्ण मिश्र ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उन्हें जो मतदाताओं को जागरुक एवं प्रशिक्षण के लिए 23 जनवरी 21017 को ईवीएम मशीन सैक्टर 19 के सिटी मजिस्टेट कार्यालय से उपलब्ध कराई है थी। उसे प्रशिक्षण के बाद जमा करा दी थी। लेकिन ये मशीन किसको सौपी थी इसका कोई डॉकयुमेंट वे नहीं उपलब्ध करा पाए। उनका कहना है इस संबंध में जो भी डॉकयुमेंट थे वह उन्होंने एक माह के बाद नष्ट कर दिया था, क्योंकि अब उनकी कोई उपयोगिता नहीं रह गई थी। निर्वाचन समाप्ती के 13-14 महीने के बाद उन पर ईवीएम मशीन जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।