केंद्रीय मंत्री
नितिन गडकरी ने ऐलान किया था कि देश में अब जितने भी एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे उनपर चलने वाले वाहनों की गति कम से कम 20 कि.मी प्रति घंटा बढ़ा दी जाएगी। गौर हो तो नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे समेत देश के अन्य एक्सप्रेसवे पर हल्के वाहनों की गति 100 और भारी वाहनों की 60 की.मी प्रति घंटा है। वहीं जल्द ही बनकर तैयार होने वाले 135 की.मी लंबे इस ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम गति 120 कि.मी कर दी जाएगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक किशोर कनियाल ने बताया कि ईस्टर्न पेरिफेरल पर गति सीमा बढ़ाने की अधिसूचना सड़क परिवहन एंव राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी होनी है और 15 मार्च से पहले यह अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है।
200 साल तक नहीं होंगे गड्ढे बता दें कि ईस्टर्न पेरिफेरल के लिए 5900 करोड़ रुपये तो सिर्फ जमीन के अधिग्रहण के लिए दिए गए हैं जबकि निर्माण पर 4418 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। इसके निर्माण के बाद यूपी और हरियाणा होते हुए आने-जाने वाले वाहनों को दिल्ली आने की जरूरत ही नहीं होगी। यह पूरा एक्सप्रेसवे सीमेंट कंक्रीट से बनाया जा रहा है बन रहा है लेकिन यमुना एक्सप्रेसवे की तरह यहां गाड़ियों के टायर गर्म होकर न फटें इसके लिए सड़क पर तारकोल की एक परत चढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा कहा गया है कि इस एक्सप्रेसवे पर अगले 200 सालों तक गड्ढे नहीं होंगे।
जल्द होगा शुरु इस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का
काम करीब 70 फीसदी पूरा हो चुका है। वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि बचे हुए काम को अगामी तीन से चार माह में पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि एनएचएआई ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि ईस्टर्न पेरिफेरल का काम मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। वहीं हरियाणा सरकार ने न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ को बताया कि एक्सप्रेसवे का काम जून तक पूरा होने की उम्मीद है।