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ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर पक्षी विहार में वेटलैण्ड-डे पर आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के बच्चें शिरकत कर प्रकृति को जाना और अनुभव किया, जिनके बारे में वे किताबों में पढ़ते आये थे। किताबी ज्ञान और वास्तविकता में कितना अंतर होता है। यह अनुभव शायद जीवन भर बच्चे नहीं भूल पाए। स्कूलों के बच्चों के लिए अनुभव रोमांचित करने वाला है, लेकिन जिस तेजी से पर्यावरण नष्ट हो रहा है, उसको लेकर छात्र भी चिंतित नज़र आए।
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बच्चों के उत्साह ने सूरजपुर पक्षी विहार में अधिकारियों को भी उत्साहित किया। उनका मानना है कि बच्चे समाज की नींव होते हैं। यदि उन्हें समय पर जागरूक किया जाये तो समाज जागरूक होगा। बच्चे समाज के सबसे अच्छे एंबेसडर हो सकते हैं। यह जिला इस बात का उदाहरण है इकोलॉजी और इन्वायरमेंट पर कितना अधिक पापुलेशन का प्रेशर हो सकता है। यदि जल्दी इसका निवारण नहीं किया गया तो बहुत सारी दिक्कतें भविष्य में आएंगी। जब प्रेशर बढ़ेगा उसका प्रभाव इंपैक्ट क्या पड़ेगा। इसका हल अभी से सोचना जरूरी है और इसके बैलेंस नहीं बिगड़ दे देना है। इसलिए इस मैसेज को स्कूल के सभी बच्चे अपने साथियो के साथ पास पड़ोस के लोगों को भी समझाना जरूरी है। नेचर और वेटलैंड के प्रति हमें संवेदनशील रहना जरूरी है।