यह भी पढ़ें- इस मॉल में हाई प्रोफाइल लड़कियाें से कराया जा रहा था गंदा काम, अंदर का नजारा देख पुलिस भी रह गई दंग बता दें कि जिला उपभोक्ता फोरम में एक फ्लैट खरीदार ने आम्रपाली ड्रीम वैली प्राइवेट लिमिटेड और एमएस धोनी के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता जोगेंद्र सिंह निवासी नोएडा सेक्टर-37 आरोप लगाया था कि धोनी ने आम्रपाली बिल्डर की आवासीय योजना का एेड किया था। इससे प्रभावित होकर उसने आम्रपाली के इस प्रोजेक्ट में एक टूबीएचके फ्लैट बुक किया। साथ ही दो किस्तों में उसने 11.37 लाख और 3.92 लाख रुपये का भुगतान भी किया। जब उन्होंने अगस्त 2015 में प्रोजेक्ट के बारे जानकारी ली तो पता चला कि अभी तक निर्माण
कार्य ही शुरू नहीं हो सका है। याचिकाकर्ता ने फोरम को बताया कि उन्होंने पैतृक घर बेचकर फ्लैट बुक किया था। जब उन्होंने बार-बार बिल्डर से फ्लैट के बारे में पता किया तो बिल्डर ने कार्यालय आकर जमा धनराशि को वापस लेने के लिए कह दिया। इसके बाद उन्होंने धनराशि वापस लेने का आवेदन किया, लेकिन बिल्डर ने अब तक पैसा नहीं लौटाया है।
यह भी पढ़ें- हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद आक्रामक हुए आजम, बीजेपी पर निकाली भड़ास, दिया बड़ा बयान सुनवाई के बाद जोगेंद्र से ठगी के मामले में आम्रपाली बिल्डर दोषी को दोषी करार देते हुए फोरम ने ब्याज समेत धनराशि लौटाने के आदेश दिए हैं। फोरम ने आम्रपाली बिल्डर को आदेश दिया है कि वह 30 दिन के अंदर जोगेंद्र की जमा धनराशि को 18 फीसदी वार्षिक ब्याज की दर से वापस करे। साथ ही मानसिक प्रताड़ना के लिए 25 हजार और वाद व्यय के 5000 रुपये अतिरिक्त दे।
यह भी पढ़ें- अब योगी के एक और MLA को मिली धमकी,बढ़ाई गयी सुरक्षा उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने धोनी पर भी झूठा विज्ञापन करने का आरोप लगाते हुए दंडित करने की मांग की थी। इसके बाद फोरम ने बिल्डर और धोनी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया था। साथ ही चेतावनी दी कि अगर जवाब नहीं दिया तो एक पक्षीय आदेश जारी कर दिया जाएगा। उसके बाद भी बिल्डर ने जवाब दाखिल नहीं किया, जबकि धोनी की तरफ से जवाब दाखिल कर दिया गया, जिसमें कहा गया कि विज्ञापन में ऐसा कुछ भी नहीं था, जिससे बिल्डर के साथ उनके दोषी होने की पुष्टि होती हो। फोरम ने माना कि निवेशक के साथ धोखे का धोनी से कोई संबंध नहीं है और यह कहते हुए फोरम ने धोनी के खिलाफ वाद को निरस्त कर दिया।