चक्रपाणि महाराज मुजफ्फरनगर पहुंचे, जहां उन्होंने रेशू विहार में कारगिल शहीद स्मारक पर वृक्षारोपण करने के बाद कहा कि पहले उन्होंने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की कार खरीदी थी और उसमें आग लगाई थी। अब उसकी प्रॉपर्टी खरीदने के बाद उसमें सुलभ शौचालय बनाएंगे। भिंडी बाजार में जो उसकी प्रॉपर्टी है उसे हमारे लोग नीलामी के दौरान लेने का पूरा प्रयास करेंगे। फिर इसमें शौचालय बनवा देंगे।
गौरक्षक नहीं करते मोब लिंचिंग उन्होंने कहा कि गोरक्षक मोब लिंचिग तो बिल्कुल नहीं करते। दूसरी बात यह है कि जो गोरक्षा के नाम पर मातारानी (गाय) की रक्षा करता है। वह किसी प्राणी जीव को कैसे मार सकता है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार की इसमें कहीं ना कहीं कमी है। अगर सरकार देख रही है कि गौरक्षा के नाम पर मान भी लिया जाए कि इस तरह की घटना हो रही है तो गौ रक्षा के लिए कानून क्यों नहीं बनाते। जब तक गौरक्षा को राजनीतिक रूप दिया जाएगा। तब तक यह होगा। गौ रक्षा के लिए केंद्रीय कानून होना जरूरी है।
राम मंदिर पर सरकार में इच्छाशक्ति की कमी राम मंदिर निर्माण पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनवाने में कहीं ना कहीं सरकार में इच्छाशक्ति की कमी है। इसलिए शक्ति के लिए हम पंचमुखी महादेव से प्रार्थना कर रहे हैं। सत्ता में बैठे लोगों को महादेव सद्बुद्धि दे। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज के लिए यह भीषण होगा, लेकिन भगवान राम के मंदिर का निर्माण तो होना ही है। उसे कोई नहीं रोक सकता है।
योगी आदित्यनाथ पर जमकर साधा निशाना चक्रपाणम महाराज ने कहा कि आदित्य योगी नाथ जी हिंदुत्व की बात करते हैं। राम मंदिर और गौ रक्षा की बात करते हैं, लेकिन कहीं ना कहीं उनमें इच्छाशक्ति की कमी है। बीजेपी सरकार में योगी आदित्यनाथ जिन्ना की तस्वीर नहीं हटा पाए। वह राम मंदिर कहां से बना पाएंगे। बेचारे अलीगढ़ विश्वविद्यालय से जिन्ना की तस्वीर नहीं हटा सके। जो कि देश के विभाजन का जिम्मेदार रहा है। जिन्ना वही है जिसने देश के हिंदू और मुसलमानों को नरसंघार का जिम्मेदार। क्या उसकी तस्वीर यूनिवर्सिटी से नहीं हट पा रही। जबकि केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। वहीं एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चक्रपाणि महाराज ने कहा कि जनता पर थोपे गये मुख्यमंत्री हैं योगी आदित्यनाथ, लोगों का दर्द नहीं समझ पाएंगे।
पत्थरबाजों को छोड़ दिया उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर एक स्पष्ट नीति अपनानी पड़ेगी। उन्हें राष्ट्रवाद की नीति अपनानी पड़ेगी। जो एक के बदले दस सर लाने की बात करते हैं उन्हें सैनिकों के साथ न्याय करना चाहिए। जो लोग सैनिकों को पत्थर मारते हैं उन ग्यारह हजार पत्थरबाजों को छोड़ दिया जाता है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है। वहीं दूसरे लोग गौ रक्षकों को बदनाम कर रहे हैं और उन्हें फर्जी केस में फंसा रहे हैं। यह कौन सी नीति है। क्या केंद्र और प्रदेश सरकार को पत्थरबाजों ने वोट देकर जिताया था। उन्हें तिलकधारियों और हिंदुओं ने जिताया था।
भारत सबसे बड़ा मांस निर्यातक देश बना चक्रपाणि महाराज ने कहा कि हमने सपने में भी यह नहीं सोचा था इनकी (भाजपा) सरकार बनेगी तो भारत विश्व का सबसे बड़ा मांस निर्यातक देश बनेगा। आखिरी मौका दे रहे हैं, मन की बात बहुत हो चुकी। चार साल सुन चुके हैं और अब पांचवा साल देश के लोगों की बात सुननी होगी। नहीं सुनी तो 2019 में खत्म।
यह भी देखें : यूपी के इन जिलों में बंद हो जाएंगी मीट व शराब की दुकानें हिंदुओं की बात नहीं सुनी तो फिर होगा वनवास उन्होंने कहा कि जब देश में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी तो देश के हिंदुओं ने उन्हें समर्थन दिया। लेकिन पांच साल हिंदुत्व का काम नहीं किया गया। इसलिए दस साल का वनवास हुआ। अब अगर इस बार जाएंगे तो बीस साल के लिए जाएंगे। सत्ता के लिए नहीं, हिंदुत्व के लिए काम करें।