दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध सिर्फ भाजपा शासित राज्यों में कराया गया। उन्होंने कहा कि भारत बंद का असर सिर्फ भाजपा शासित राज्यों में ही देखने को मिला। अब चुनाव नजदीक आता देख भाजपा जातिगत तनाव फैलाना चाहती है। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी बसपा सिर्फ दलितों की पार्टी नहीं है। उनकी पार्टी दलित, पिछड़ा, सवर्ण और अल्पसंख्यकों की पार्टी है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय की हितैषी है।
मायावती ने कहा कि उनकी सरकार में ही पहली बार सवर्णों को आर्थिक रूप से आरक्षण देने की मांग उठाई गई। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ और न ही एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग हुआ। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। बिना किसी तैयारी के नोटबंदी और जीएसटी लागू कर केंद्र सरकार ने लोगों को बर्बाद कर दिया है।
यह भी देखें-SC ST एक्ट में बदलाव के विरोध में प्रदर्शन आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी एक्ट में संशोधन करते हुए तत्काल गिरफ्तारी के नियम को बदलकर 7 दिन के अंदर जांच के बाद कार्रवाई का प्रावधान जोड़ दिया था, जिसे केंद्र सरकार ने दलित संगठनों के विरोध के बाद संसद में विधेयक लाकर पलट दिया था। इसके विरोध में 6 सितंबर को सवर्ण संगठन व पिछड़े वर्ग के संगठनों के द्वारा भारत बंद का आयोजन किया गया था।