दरअसल, इस क्षेत्र में किसानों का दबदबा है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इसी क्षेत्र से 75 प्रतिशत सीटें हासिल की थी और प्रदेश में सरकार बनाई थी। केन्द्र सरकार के तीनों कृषि सुधार कानूनों का यहां के किसानों ने भी जमकर विरोध किया था। वहीं, दूसरी ओर मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण के दौरान गुर्जर समाज ने भी बीजेपी पर सवाल उठाते हुए नाराजगी जताई थी। ऐसे में जेवर एयरपोर्ट के जरिए पश्चिम यूपी में विकास की चमकदार तस्वीर पेश कर राजनीति आगे ले जाने की राह पर बीजेपी चल रही है।
यह भी पढ़ें-
पीएम मोदी आज एशिया के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का करेंगे शिलान्यास, जानें मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम वेस्ट यूपी के इन जिलों को होगा विशेष लाभ बता दें कि जेवर एयरपोर्ट से वेस्ट यूपी के बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, संभल, बदायूं, मुरादाबाद, एटा, कासगंज, मैनपुरी, मथुरा आदि जनपदों के लोगों को खासतौर पर लाभ होगा। इसके साथ ही हरियाणा के जेवर से सटे जिले फरीदाबाद, पलवल और बल्लभगढ़ के लोगों को भी सहूलियत होगी। वेस्ट यूपी के लोगों को हवाई यात्रा के लिए दिल्ली तक लगने वाला अधिक समय और जाम जैसी दिक्कतों से निजात मिल जाएगी। साथ ही दिल्ली एयरपोर्ट पर भी लोगों को दबाव कम होगा।
एक लाख से अधिक लोगों रोजगार मिलने की संभावना नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बनने से करीब 100 अन्य इंडस्ट्री, मेडिकल इंस्टीटयूट, होटल-शॉपिंग मॉल, कन्वेंशन सेंटर बनने से करीब एक लाख से अधिक लोगों रोजगार मिलने की संभावना है। जेवर एयरपोर्ट से वेस्ट यूपी के करीब 30 जिलों सहित हरियाणा के करीब तीन जिलों में विकास को पंख लगेंगे।