सपा के आए अच्छे दिन, इस सीट पर टिकट मांगने वालों की लग गई लाइन, हाईकमान की बढ़ी मुश्किलें
दरअसल लोकेंद्र चौहान इस सीट से लगातार दो बार 2012 और 2017 में विधायक चुने गए थे। उन्होंने 2012 में लगभग साढ़े पांच हजार और 2017 में 12736 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। जबकि 2017 में सपा प्रत्य़ाशी रहे नईमुल हसन ही उनके निकटतम प्रतिद्वंदी थे। नईमुल हसन को मात्र 12736 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। लोकेंद्र चौहान को 2017 के विधान सभा चुनाव में कुल 79172 वोट मिले थे, जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नईम उल हसन को 66436 इतने वोट मिले। साथ ही बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी गौहर इक़बाल 45902 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।ईवीएम में छेड़छाड़ की शिकायत पर चुनाव आयोग हुआ गंभीर, पारदर्शी चुनाव के लिए उठाया अब ये कदम
इस विधानसभा चुनाव में कुल 191510 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। अगर इस सीट पर सपा-बसपा का गठबंधन हुआ तो भाजपा प्रत्य़ाशी को जीत के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। इसका कारण 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा व बसपा प्रत्याशी के वोटों को जोड़ दिया जाए 112338 तो ये आंकड़ा भाजपा विधायक रहे लोकेंद्र चौहान को मिले 79172 वोटों से 33166 अधिक है। हालांकि इस सीट पर सपा से अन्य कई दावेदार भी हैं जिनमें पूर्व मंत्री मूलचंद चौहान के बेटे अमित चौहान, सपा जिला अध्यक्ष अनिल यादव के अलावा मदन सैनी इस सीट पर टिकट की मांग कर रहे हैं।03 मई से 10 मई तक होगें नामंकन
11 को होगी नामांकन पत्रों की जांच
14 मई को होगी नाम वापसी
28 मई को मतदान
31 मई को होगी मतगणना