बता दें कि गाजियाबाद की रहने वाली एक महिला ने आसिफ मोहम्मद खान उर्फ आशू महाराज पर गैंगरेप का मुकदमा थाना हौजखास में दर्ज कराया था। आशू महाराज के अलावा उसके बेटे ने उसके एक साथी के साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किए जाने और जान से मारने की धमकी देने के मामले में आशु गुरुदेव उर्फ आसिफ खान के बेटे को भी पूछताछ के लिए हिरासत में पुलिस ने लिया है। दिल्ली पुलिस ने उन्हें गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच को सौंपा है। आशू और उनके बेटे से पूछताछ की गई। अभी भी दोनों से गहन पूछताछ जारी है।
पूछताछ के दौरान आसिफ मोहम्मद खान उर्फ आशू महाराज नए—नए राज खोल रहा है। क्रांइम ब्रांन्च के अधिकारियों की माने तो बंगाल से उसका पूराना नाता रहा है। वह अक्सर गुवाहाटी जाता रहता था। उसने कुंडली सीखने के गुर सीखने के बाद में नाम बदलकर आशू महाराज रख लिया था। यहां तक शोहरत और पैसा कमाने के चक्कर में परिवार से दूरियां बढ़ा ली। क्राइम ब्रांन्च के अधिकारियों की माने तो पूछताछ के दौरान बताया कि कथित महाराज ने बताया कि मुस्लिम धर्मगुरु बनने पर ज्यादा पैसा नहीं मिलता था, जितना की हिंदू धर्मगुरु बनने पर मिला है। इसके लिए आसिफ से आशु महाराज बना था। उधर, अंधिवश्वासी लोग नोटों की थैली भरकर उसके यहां मत्था टेकने लगे। पहचान छिपाने के मामले में पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
क्राइम ब्रांन्च की जांच में सामने आया है कि उसने आधार, पासपोर्ट, वोटर कार्ड समेत अन्य कागजात आसिफ खान के नाम से ही बनवाए है। पैसे कमाने के लिए उसने हिंदू नाम का सहारा लिया। पूछताछ में उसने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोग धर्म के नाम पर ज्यादा पैसा खर्च नहीं करते हैं। मुस्लिम धर्मगुरु बनकर उतनी कमाई नहीं हो पाती थी। हिंदू अधिक पैसा धर्म के नाम पर खर्च करते है। पूछताछ के दौरान बताया कि हिंदू धर्म के लोग अधंविश्वास में फंसकर जेब ढीली करते है। जिसका फायदा आशू महाराज ने उठाया था।