यह भी पढ़ें- सांप्रदायिक हिंसा के बाद महिलाओं ने किया पलायन, दहशतजदा कई परिवार संपत्ति बेचने की तैयारी में, पीएसी तैनात असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस ने कांवड़ियों के लिए फूल बरसाए थे, लेकिन हफ्ते में एक बार पढ़ी जाने वाली नमाज का मतलब शांति और सद्भाव बिगड़ सकता है। ये बिल्कुल वैसा हुआ कि आप मुसलमानों से कह रहे हो कि आप कुछ भी कर लो, लेकिन गलती तो आपकी ही होगी। इसके अलावा ओवैसी ने पूछा है कि कानून के मुताबिक ये भी कहां तक जायज है कि कोई कंपनी ये तय करे कि एक कर्मचारी अपनी पर्सनल जिंदगी में क्या करता है।
यह भी पढ़ें- 77 वर्षीय बुजुर्ग ने पार्क में खेलने जा रही 8 वर्षीय बच्ची को लिफ्ट में खींचकर किया गंदा काम, वारदात सीसीटीवी में कैद बता दें कि पुलिस की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि यदि किसी औद्योगिक संस्थान के कर्मचारी निर्देश का उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं तो इसके लिए संबंधित कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इस नोटिस में में लिखा गया है कि सेक्टर 58 स्थित अथॉरिटी के पार्क में नमाज पढ़ने या किसी भी धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं है। इस संबंध में मुस्लिम समुदाय की ओर से डीएम से अनुमति मांगी गई थी, लेकिन इस पर उन्हें किसी तरह की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में यहां पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। लिहाजा, जिले की पुलिस ने इलाके कंपनियों को नोटिस जारी कर अपने कर्मचारियों को नमाज पढ़ने से रोकने के लिए कहा है। साथ ही कहा गया है कि इसके बाद भी अगर किसी कंपनी के कर्मचारी पार्क में आते हैं तो ये समझा जाएगा कि आपने अपने कर्मचारियों को अवगत नहीं कराया है। इसके लिए पूरी तरह से कंपनी जिम्मेदारी होगी।