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अलीगढ़ से भाजपा सांसद सतीश गौतम ने AMU के कुलपति तारिक मंसूर को लिखे अपने पत्र में विश्वविद्यालय छात्रसंघ के कार्यालय की दीवार पर पाकिस्तान के संस्थापक की तस्वीर लगे होने पर आपत्ति जताई थी। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवई ने दशकों से लटकी जिन्ना की तस्वीर का बचाव किया और कहा कि जिन्ना विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य थे और उन्हें छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी। इसके बाद योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन्ना को देश की आजादी में योगदान देने वाला महापुरुष बताकर मामले को तूल दे दिया। जिसके बाद एक के बाद एक कई भाजपा नेता उनका बचाव करते नजर आए और जिन्ना की तस्वीर उतारने की मांग की। इसके बाद इस लड़ाई में कांग्रेस भी कूछ पड़ी।
यह भी पढ़ें- योगीराज में तोड़ा गया बिग बॉस का ढाबा, बिग बॉस बोले- मोदी जी हमें पकोड़े तो बेचने दो कांग्रेस ने साफ कहा है कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना किसी भी तरह से भारत के आदर्श नहीं हो सकते हैं। साथ ही पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए जिन्ना के नाम पर ‘कृत्रिम मुद्दा’ तैयार किया गया है। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चाहे किसी पार्टी का व्यक्ति हो या अन्य, हम उसकी निंदा करते हैं जो जिन्ना की तारीफ करता है। जिन्ना किसी भी हालत में इस देश के आदर्श नहीं हो सकते। सभी बड़े दलों के इस विवाद में बयानबाजी के बाद अब आजम खान ने भी तीखी प्रतिक्रया देते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में जिन्ना की तस्वीर को लेकर मचे बवाल पर पूर्व मंत्री आजम खां ने कहा है कि तस्वीर पर सियासत का मकसद कर्नाटक में होने वाले विधानसभा में चुनावों में लाभ लेना है। जिस दिन कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का मतदान खत्म होगा, उस दिन यह विवाद भी ठंडा हो जाएगा। वैसे भी एएमयू में जिन्ना की तस्वीर आज तो लगाई नहीं गई है। वहीं उन्होंने बिगड़ती कानून व्यवस्था पर कहा कि सरकार कानून व्यवस्था सुधारते हुए बच्चियों को दुष्कर्म से बचाएं।