गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के वकील से पूछा कि आप हमें बताइये कि ऐसी कौन-कौन सी प्रोपेर्टी बेची जा सकती है जिससे 1000 करोड़ रुपये का फंड जुटाया जा सकते। ताकि एनबीसीसी बंद पड़े प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू कर सके। कोर्ट ने कहा है कि या तो आप बताइये नहीं तो हम आपकी प्रोपेर्टी बेचेंगे और आपका घर भी बेच सकते हैं।
वहीं आम्रपाली ग्रुप के वकील ने कोर्ट से कहा कि पैसे कहां से जुटाए जाए, इसके लिए प्रपोजल देने के लिए 3-4 दिन का और समय दिया जाए। जिस पर कोर्ट ने कहा है कि अब आपको कोई समय नहीं मिलेगा। इस दौरान वकील ने कहा कि हमारा सपना है प्रोजेक्ट पूरे करना। जिस पर कोर्ट ने पूछा, दिन के सपने या रात के? इस पर कोर्ट ठहाकों से गूंज गया।
होम बायर्स के वकील ने कोर्ट से कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद आम्रपाली ग्रुप ने अपने CMD अनिल शर्मा के प्रॉपर्टी की डिटेल नहीं दी है। जबकि अनिल शर्मा जब चुनाव में खड़े हुए थे तो उन्होंने अपने संपत्ति का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग को दिया था। उन्होंने कहा कि शर्मा ने चुनाव आयोग में दिए हलफनामे में 850 करोड़ संपत्ति की बात कही थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली के हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए जो पैसे की ज़रूरत है वो आम्रपाली ग्रुप के उन संपत्ति को बेचकर जुटाया जा सकता है जो अभी तक बिके नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि NBCC के हिसाब से अगर इन संपत्ति को बेचा जाए तो करीब 2100 करोड़ रुपये मिल सकते है। कोर्ट ने कहा कि इन पैसे से एनबीसीसी 15 हाउसिंग प्रोजेक्ट का काम शुरू कर सकती है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।
आम्रपाली बायर्स एसोसिएसन ने मेंबर के.के कौशल ने बताया कि सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने कड़े शब्दों में आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा से पूछा कि सारा पैसा कहां गया? क्या पॉलिटिक्स में चला गया? जिस पर शर्मा उदास सपाट चेहरा लिए खड़े रहे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अनिल शर्मा ने हम बायर्स का करोड़ों रुपए दबाकर पटना से 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने बताया कि SC ने कहा कि NBCC के देखरेख में आम्रपाली की 16 सम्पत्तियों की नीलामी होगी। जरूरत पड़ने पर इसके लिए प्रोफेशनल फर्म की मदद भी ले सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बिल्डर से चुनाव आयोग में जमा सम्पत्ति का हलफनामा भी मांगा और उनकी सभी सम्पत्तियों के नक्शे भी मांगे हैं।