लोकसभा चुनाव 2019: अपना संसदीय क्षेत्र बदलने की तैयारी में ये दोनों पिता-पुत्र, हो सकता है बड़ा उलटफेर
फिलहाल यह अपना पिछला चुनाव हार गए थे। आपको बता दें कि अमर सिंह पूर्व में भी राष्ट्रीय लोकमंच पार्टी के नाम से राजनीतिक दल का गठन कर चुके हैं। 2012 के चुनाव में अमर सिंह ने उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन किसी भी प्रत्याशी को जीत नहीं मिली। इसके बाद जब उनकी सपा में वापसी हो गई तो उनकी पार्टी का अस्तित्व समाप्त हो गया। अब जब एक बार फिर उनके सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से संबंध विच्छेद हो गए तो वह अब भाजपा के करीब आ गए हैं। गुरुवार को हुए राज्यसभा उपसभापति के चुनाव में भी उन्होंने एनडीए उम्मीदवार हरिवंश सिंह को वोट दिया।
महागठबंधन हो या न हो सहारनपुर सीट से इस नेता का लोकसभा चुनाव लड़ना तय
भाजपा की भी मिलेगी मदद
कभी सपा संरक्षक मुलायम सिंह के काफी करीब रह चुके अमर सिंह एक बार फिर लोकसभा चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भी मदद मिलेगी। आपको बता दें कि अमर सिंह और जयप्रदा 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले रालोद में शामिल हो गए थे। इसके बाद रालोद मुखिया ने उन्हें फतेहपुर सीकरी व जयप्रदा को बिजनौर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था। हालांकि मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पहले यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि अमर सिंह और जयाप्रदा भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
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हालांकि, अब चर्चा यह है कि अमर सिंह अपनी नई पार्टी बनाएंगे। इसमें उनके साथ समाजवादी पार्टी (सपा) के बड़े नेता भी शामिल हो सकते हैं। यह भी चर्चा चल रही है कि उनके साथ में वेस्ट यूपी के पूर्व विधायक भी जुड़ सकते हैं। यह सपा से विधायक रह चुके हैं। फिलहाल यह पिछला विधानसभा चुनाव हार गए थे। यह अपनी पत्नी को अलीगढ़ से लोकसभा का चुनाव लड़ाना चाहते हैं, जबकि इनकी नजर वेस्ट यूपी की ही एक सीट पर है।
इसके साथ ही यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि नई पार्टी के गठन के बाद अमर सिंह की टीम लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को टक्कर देगी। साथ ही फिल्म अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा फिर से मैदान में उतर सकती हैं। माना जा रहा है कि जयाप्रदा रामपुर से सपा को टक्कर दे सकती हैं। वह रामपुर से 2004 व 2009 में सांसद रह चुकी हैं।