पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी 1986 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुआ था, लेकिन 2004 में फर्जीवाड़े के आरोप में उसे बर्खास्त कर दिया गया था। इसके दो साथियों की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है।
1986 को दिल्ली पुलिस में हुआ था भर्ती
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी के मुताबिक, थाना फेस-3 पुलिस ने सोमवार को लोकल इंटेलिजेंस की सूचना पर वांछित आरोपी शंभूनाथ मिश्रा को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि वह 1 अगस्त 1986 को दिल्ली पुलिस में आरक्षी के पद पर भर्ती हुआ था। बाद में शिकायत मिलने पर जांच के दौरान उसके सभी शैक्षणिक और अन्य दस्तावेज फर्जी पाए गए। इस आधार पर मुखर्जी नगर थाने (दिल्ली वेस्ट) में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
शातिर अपराधी है शंभूनाथ मिश्रा
डीसीपी ने आगे बताया कि दिल्ली पुलिस मुख्यालय ने आरोपी को 2004 में सेवा से बर्खास्त कर दिया था। शंभूनाथ मिश्रा शुरू से ही शातिर दिमाग और अपराधी प्रवत्ति का रहा है। आरोपी अपने आप को रिटायर्ड डिप्टी एसपी बताता था। इसके बाद नोएडा और एनसीआर के डूब क्षेत्र के अलावा नोएडा प्राधिकरण की अधिग्रहित जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार करके लोगों को बेच देता था। फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच देता था जमीन
डीसीपी ने बताया कि जांच में सामने आया है कि आरोपी खुद को जमीन का मालिक नहीं बताता था, इसकी जगह अपने गैंग में शामिल लोगों को आगे करता था। इसके बाद फर्जी कागजात के सहारे लोगों से ठगी को अंजाम देता था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उसके गैंग का जाल कहां तक फैला है।